जिला पंचायत सीईओ तिवारी ने जारी किए वारंट
ग्वालियर / शासकीय धनराशि निकालकर उसका निर्माण कार्य पूर्ण कराने में उपयोग न करने अर्थात शासकीय धन का दुरूपयोग करने वाले पूर्व सरपंचों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इस कड़ी में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी श्री आशीष तिवारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 के तहत चार ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंचों को जेल भेजने के लिये अलग-अलग वारंट जारी किए हैं।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष तिवारी ने अलग-अलग आदेश जारी कर जिले की जनपद पंचायत डबरा की ग्राम पंचायत कुम्हर्रा के पूर्व सरपंच श्री सोबरन सिंह परिहार, जनपद पंचायत भितरवार की ग्राम पंचायत चरखा की पूर्व सरपंच श्रीमती भागवती, जनपद पंचायत घाटीगाँव (बरई) की पूर्व सरपंच श्रीमती किरन और ग्राम पंचायत कुलैथ के पूर्व सरपंच श्री रमेश जाटव को अभिरक्षा में लेकर 30 दिवस के लिये जेल में रखने के निर्देश भारषाधक अधिकारी अर्थात अधीक्षक केन्द्रीय कारागार को दिए गए हैं।
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत कुम्हर्रा श्री सोबरन सिंह परिहार द्वारा राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत स्वीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय कुम्हर्रा, शासकीय प्राथमिक विद्यालय ईटाटोरा का पुरा में भवन निर्माण, ग्राम कुम्हर्रा व नाहटौली में सीसी रोड़, हैण्डपम्प संधारण, वृक्षारोपण सहित अन्य निर्माण कार्यों के लिये जारी की गई राशि में से लगभग 5 लाख 23 हजार रूपए की राशि अपने पास रखकर शासकीय धन का दुरूपयोग किया गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत चरखा की पूर्व सरपंच श्रीमती भागवती ने मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के तहत जारी की गई राशि में से लगभग 3 लाख 79 हजार रूपए की राशि को अपने पास रखकर दुरूपयोग किया है।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत रामपुरा की पूर्व सरपंच श्रीमती किरन द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत ग्राम पंचायत को जारी की गई राशि में से लगभग एक लाख 89 हजार रूपए की राशि का दुरूपयोग किया है। ग्राम पंचायत कुलैथ के पूर्व सरपंच श्री रमेश जाटव ने 14वाँ वित्त आयोग सहित अन्य योजनाओं की राशि में से लगभग 3 लाख 98 हजार रूपए की राशि शासन कोष में जमा नहीं कराई है।
इन सभी पूर्व सरपंचों के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर उक्त राशि चुकाने हेतु युक्तियुक्त समय दिया गया। किंतु उन्होंने रकम नहीं चुकाई। प्रकरण में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी साबित होने के कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस में रकम शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था, किंतु पूर्व सरपंचों द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई।
इसके बाद विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन इन चारों पूर्व सरपंचों को जेल में सुपुर्द करने के अलग-अलग वारंट जारी कर दिए हैं।
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