खुशियों की दास्तां : ई-रिक्शा मिलते ही खुशी से छलक उठीं दिव्यांग प्रमोद की आंखे

 अब सर उठाकर कर सकेगें परिवार का भरण पोषण

ग्वालियर । कोरोना महामारी के चलते परिवार के भरण पोषण के लिये परेशान हो चुके दिव्यांग श्री प्रमोद सिंह भदौरिया को जैसे ही राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत ई-रिक्शा मिला तो उनकी आंखे खुशी से छलक उठीं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आय के सभी साधन खत्म हो गए थे जो कुछ बचत करके रखी थी, वह भी लोकडाउन में खत्म हो गई थी। उपर से दिव्यांग होने के कारण मुझे रोजगार नहीं मिल रहा था जिससे जीवन यापन करने में बडी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा था।

श्री प्रमोद सिंह भदौरिया ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत ई-रिक्शा के लिये सभी कागजी कार्यवाही कर आवेदन किया तथा आवेदन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सिटी सेंटर द्वारा बेरीफाई कर लोन स्वीकृत कर दिया। श्री प्रमोद भदौरिया शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं लेकिन उनके हुनर व अनुभव को देखते हुए उन्हें बाल भवन में लगाये गए रोजगार मेले में ईरिक्शा प्रदान किया गया है। अब वह खुशी से अपना व अपने परिवार का भरण पोषण आसानी से कर सकेगें। इसके लिये श्री भदौरिया ने नगर निगम, बैंक व प्रदेश सरकार का धन्यवाद दिया। 

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