इस बार मोनी अमावस्या को ऐसी स्थिति है
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि 31 जनवरी सोमवार के दिन दोपहर 02-18 बजे से अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी जो 01 फरवरी मंगलवार को 11-15 बजे तक रहेगी। इसलिए मोनी अमावस्या का पर्व काल सर्याेदय से पहले सर्याेदय के साथ ही 01फरवरी मंगलवार के दिन रहेगा। इसी दिन माघी अमावस्या, मोनी अमावस्या, देवकार्य माघ मोनी अमावस्या का पर्व व व्रत रहेगा। 31 जनवरी सोमवार को पितृ कार्य अमावश्या रहेगी।जैन ने कहा मोनी अमावस्या को मनु ऋषि का जन्म हुआ था साथ ही इस दिन द्वापुर युग की भी शुरुआत हुई थी। धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का जल अमृत के समान होता है।इसमें आज के दिन स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं। साथ ही व्यक्ति रोग रहित हो जाता है। मौनी अमावस्या के दिन देशभर के प्रमुख तीर्थस्थल जैसे प्रयागराज, हरिद्वार आदि में स्नान के लिए लोगों की भीड़ जमा होती है। इस बार कोरोना के चलते मौनि अमावस्या का स्नान पर काक पर पवित्र स्थानों पर भीड़ नहीं होगी। और लोग अपने घरों में रहकर गंगाजल मिश्रित जल से सर्याेदय से पहले और सर्याेदय के समय स्नान करेंगे और जल में काले तिल डाल कर सूर्य को अर्घ देंगे। जैन ने कहा इस दिन मोन रहकर व्रत किया जाता है इससे कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
इस बार मोनी अमावस्या को ऐसी स्थिति है
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि 31 जनवरी सोमवार के दिन दोपहर 02-18 बजे से अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी जो 01 फरवरी मंगलवार को 11-15 बजे तक रहेगी। इसलिए मोनी अमावस्या का पर्व काल सर्याेदय से पहले सर्याेदय के साथ ही 01फरवरी मंगलवार के दिन रहेगा। इसी दिन माघी अमावस्या, मोनी अमावस्या, देवकार्य माघ मोनी अमावस्या का पर्व व व्रत रहेगा। 31 जनवरी सोमवार को पितृ कार्य अमावश्या रहेगी।जैन ने कहा मोनी अमावस्या को मनु ऋषि का जन्म हुआ था साथ ही इस दिन द्वापुर युग की भी शुरुआत हुई थी।
धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का जल अमृत के समान होता है।इसमें आज के दिन स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं। साथ ही व्यक्ति रोग रहित हो जाता है। मौनी अमावस्या के दिन देशभर के प्रमुख तीर्थस्थल जैसे प्रयागराज, हरिद्वार आदि में स्नान के लिए लोगों की भीड़ जमा होती है। इस बार कोरोना के चलते मौनि अमावस्या का स्नान पर काक पर पवित्र स्थानों पर भीड़ नहीं होगी। और लोग अपने घरों में रहकर गंगाजल मिश्रित जल से सर्याेदय से पहले और सर्याेदय के समय स्नान करेंगे और जल में काले तिल डाल कर सूर्य को अर्घ देंगे। जैन ने कहा इस दिन मोन रहकर व्रत किया जाता है इससे कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
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