रविकांत दुबे AD News 24
ग्वालियर। प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान ग्वालियर में आयोजित 13 वीं अंतर्राष्टीय कान्फ्रेंस देश विदेश के प्रतिभागियों के लिये एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया गया है। कार्यशाला एक नया आयाम स्थापित की है।
कान्फ्रेंस के समापन में प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान के निदेशक एवं 13 वीं अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में पेट्रर्न डॉ. डेविस जैन ने अपने उदबोधन में ऑनलाइन माध्यम से कहा कि प्रेस्टीज के बैनर तले ऐसे आयोजन भविष्य में भी होते रहेंगे। जिससे कहीं न कहीं शिक्षा जगत को एक सार्थक योगदान भी होगा। समारोह में हिमांशु जैन ने इंडस्ट्रीयल सेक्टर की चुनौतियों का समाधान इस कान्फ्रेंस के माध्यम से इंडस्ट्रीज को देने का प्रयास किया जायेगा। निश्चित ही रिसर्च पेपर के द्वारा जो विकल्प निकलकर आयोंगे उन्हें धरातल पर लाने का प्रयास भी किया जायेगा।
प्रेस्टीज के ग्वालियर के निदेशक डॉ. निशांत जोशी ने कहा कि 13 वीं अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में इंडोनेशिया, यूके, आस्ट्रेलिया, दुबई, तुर्की, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल , साउथ अफ्रीका आदि देशों से प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किये।
कार्यशाला के समापन में जीवाजी विवि के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुये कहा कि निसंदेह शोध कार्यो मेें विगत वर्षो की तुलना में सुधार देखने को मिल रहा है। कहीं न कहीं यह सुधार शोधार्थियों द्वारा शोध कार्यो के प्रति बढता रूझान के लाभ निश्चत ही शिक्षा उद्योग एवं व्यवसाय में देश को लाभ मिलेगा।
कार्यशाला को प्रो. हिमांशु राय आईआईएम इंदौर, प्रे. जस्टिन पॉल यूएसए, प्रो. अरहन स्थापित नेपाल, प्रो. क्लोप्टरा वेलोस्यू यूके , आस्ट्रेलिया के प्रो. विद्या एस एथोटा , जीवाजी के रेक्टर उमेश होलानी आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रेस्टीज प्रबंधन ग्वालियर की डॉ. नविता नथानी, आईएमटी नागपुर के डॉ. श्रीपाद कुलकर्णी के शोधकार्य पर दस हजार का पुरस्कार भी दिया गया। समापन सत्र में प्रो. ब्रह्मानंद शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रेषित किया।
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