केन्द्रीय बजट में बिजनिसमेन प्रोटेक्शन स्कीम की मांग करेगा चेम्बर ऑफ कॉमर्स

केन्द्रीय बजट हेतु प्रेषित किये जाने पर वाले सुझावों पर ‘चेम्बर भवन` में बैठक आयोजित


ग्वालियर । म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा आज सायं 4.30 बजे केन्द्रीय बजट पर प्रेषित किये जाने वाले सुझावों पर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आयकर विशेषज्ञ सीए-श्री अशोक विजयवर्गीय, जीएसटी विशेषज्ञ-सीए श्री दीपक वाजपेयी विशेष रूप से उपस्थित थे।

चर्चा के प्रारंभ में अध्यक्ष-विजय गोयल ने बैठक में उपस्थित सभी सदस्य महानुभावों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि केन्द्रीय बजट में प्रेषित किये जाने वाले सुझावों पर आज की बैठक आयोजित की गई है। आज  की बैठक में आने वाले सुझावों को संकलित करते हुए शीघ्र ही केन्द्रीय वित्त मंत्री को सुझाव प्रेषित किये जायेंगे।  आपने कहा कि रिफण्ड के प्रकरणों में सरकार द्बारा देरी की जाती है। सरकार को रिफण्ड के प्रोसेस होने की समय सीमा तय करना चाहिए।

बैठक में मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्बारा प्रेषित किये जाने वाले सुझाव सीए-श्री अशोक विजयवर्गीय एवं सीए-श्री दीपक वाजपेयी जी के सानिध्य में प्रेषित किये जाते हैं और जो सुझाव हम भेजते हैं, वह आने वाले बजट में परिलक्षित होते हैं।

उपाध्यक्ष-पारस जैन ने सुझाव दिया कि करों का सरलीकरण होना चाहिए और टैक्स स्लेब कम होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग कर जमा करने के लिए प्रेरित होंगे और सरकार का राजस्व भी बढेगा।

जीएसटी विशेषज्ञ-सीए दीपक वाजपेयी ने कहा कि जीएसटी पर प्रत्येक तीन माह में काउंसिल की बैठक होती है और उस पर निरंतर हमारे द्बारा जीएसटी में सुधार हेतु सुझाव भेजे जाते हैं। बजट के लिए प्रमुख सुझावों को समाहित करते हुए मेमोरण्डम तैयार करेंगे।

सीए-श्री अशोक विजयर्गीय ने कहा कि निश्‍चित तौर पर व्यापारी वर्ग सरकार के लिए टैक्स कलेक्शन के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है और सरकार को उसे सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए तथा ऐसे प्रावधान जो कि व्यापारी वर्ग को टैक्स कलेक्शन में जटिलता प्रदान करते हैं, उन्हें समाप्त किया जाना चाहिए। आपने कहा कि वर्तमान में टीडीएस और टीसीएस से सरकार को कोई रेवेन्यू प्राप्त नहीं होता है परंतु इसके प्रचलन से प्रतिदिन काफी व्यवहारिक कठिनाईयां आती हैं, इसलिए इसे सरकार को समाप्त करना चाहिए।

बैठक में आये सुझाव-व्यापारियों के लिए बिजनिसमेन प्रोटेक्शन स्कीम लागू की जाना चाहिए ताकि व्यापारियों को उनके द्बारा जमा कराये गये कर के आधार पर एवं आयुष्मान योजना की तर्ज पर स्वास्थ्य सुविधा दी जाए, 60 वर्ष की आयु पश्‍चात्‌‍ व्यापारियों को उसके द्बारा इस आयु तक जमा किये गये कर के आधार पर पेंशन दी जाए।   टैक्स स्लेब कम रखे जायें ताकि अधिक से अधिक लोग कर जमा करने लिए प्रोत्साहित हो सकें। रिफण्ड प्रोसेस के लिए समय अवधि तय की जाये, जीएसटी व इनकम टैक्स जमा करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाये। सीनियर सिटीजन को एफडीआर में मिलने वाले ब्याज को टैक्स फ्री किया जाये। रेलवे द्बारा यात्रियों को कोरोना से पूर्व दी जा रही सभी सुविधाओं को बहाल किया जाये। लाँग टिकट पर मिलने वाली सुविधा का लाभ प्रारंभ किया जाये। इसके साथ ही तकनीकी सुझाव विशेषज्ञों द्बारा तैयार किये जायेंगे।

चर्चा में सर्वश्री-शैलेष जैन, सीए-जी.पी.गर्ग, प्रवीण गुप्ता, नवीन रस्तोगी, आशीष जैन, अजय कुमार जाजू, मनोज सरावगी, संजय अग्रवाल, मयंक गर्ग, निर्मल कुमार जैन, संभव जैन, आशीष अग्रवाल आदि ने अपने विचार रखे।

चर्चा उपरांत अध्यक्ष-विजय गोयल ने कहा कि आज आयोजित चर्चा में आये सुझावों को समाहित करते हुए शीघ्र ही केन्द्रीय वित्त मंत्री-माननीया श्रीमती निर्मला सीतारमण को केन्द्रीय बजट पर सुझाव प्रेषित किये जायेंगे। 

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