स्वच्छता के लिये सभी विभागों में होंगीं प्रतियोगिता
संभाग आयुक्त सक्सेना ने की विभागीय योजनाओं की समीक्षा
ग्वालियर / ग्वालियर – चंबल संभाग में 96 हजार से अधिक आंगनबाड़ी के ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें शाला में प्रवेश दिलाया जायेगा। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दोनों संभाग के सभी जिलों में ऐसे बच्चों का चयन कर सूची स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपी है। स्कूल शिक्षा विभाग ऐसे सभी चिन्हित बच्चों को शाला में प्रवेश दिलाने की विशेष पहल करे। संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना की अध्यक्षता में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक में यह कहा गया।
मोतीमहल महल के मानसभागार में आयोजित हुई समीक्षा बैठक में संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्वालियर – चंबल संभाग के सभी जिलों में आंगनबाड़ी से चिन्हित बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने की कार्रवाई अभियान के रूप में की जाए। कोई भी बच्चा शाला में प्रवेश से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित भी किया जाए।
संभागीय आयुक्त श्री सक्सेना ने ई-ऑफिस के संबंध में सभी संभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अब शासकीय फाइलें एवं पत्र व्यवहार भी ई-ऑफिस के माध्यम से ही करें। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि वे अपने अधीनस्थ सभी जिला कार्यालयों को भी कलेक्ट्रेट कार्यालय के ई-ऑफिस से जोड़ने के लिये निर्देशित करें। एक मार्च तक सभी संभागीय एवं जिला कार्यालय ई-ऑफिस से जुड़ना सुनिश्चित करें। इसके पश्चात सभी फाइलों का निराकरण ई-ऑफिस के माध्यम से ही किया जायेगा।
बैठक में अंकुर अभियान की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 31 मार्च तक पंजीयन एवं पेड़ लगाने का कार्य निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप किया जाए। पेड़ लगाने के पश्चात उसके फोटो वेबसाइट पर भी लोड किए जाएं। बड़े विभागों को पाँच हजार तथा छोटे विभागों को एक हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया। संभाग आयुक्त ने यह भी निर्देशित किया कि आगामी वर्ष के लिये भी सभी विभाग अपनी-अपनी कार्ययोजना तैयार करने का कार्य करें।
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान आंगनबाड़ियों को गोद लेने की योजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। संभागीय आयुक्त ने सभी संभागीय अधिकारियों से भी आग्रह किया कि वे स्वयं भी एक – एक आंगनबाड़ी गोद लें। महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक सुश्री सीमा शर्मा ने आंगनबाड़ी को गोद लेने की प्रक्रिया के संबंध में भी जानकारी दी।
बीट समाधान केन्द्रों की चर्चा के दौरान संभाग आयुक्त श्री सक्सेना ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने विभाग की ऐसी योजनायें, जिनमें ऑनलाइन आवेदन किया जाता है उसकी सूची तत्परता से प्रस्तुत करें, ताकि उन सभी योजनाओं की सूची पंचायत स्तर पर चस्पा की जा सके। पंचायत स्तर पर हर मंगलवार को प्रात: 11 से दोपहर एक बजे तक एक व्यक्ति को तैनात कर ग्रामीण जनों से उन योजनाओं के आवेदन ऑनलाइन कराने की व्यवस्था प्रारंभ की जा सके। बैठक में संयुक्त आयुक्त राजस्व, सहायक आयुक्त सहित सभी विभागों के संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
स्वच्छता के लिये कराई जाएं प्रतियोगितायें
संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने बैठक में कहा कि स्वच्छता का कार्य किसी एक संस्था या विभाग का नहीं है। इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। सभी शासकीय कार्यालयों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसी भी शासकीय कार्यालय में अगर गंदगी पाई जाती है तो कार्यालय प्रमुख पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी विभागीय अधिकारी अपने-अपने कार्यालय से निकलने वाले कचरे के निष्पादन के लिये सभी आवश्यक कार्रवाईयां करें और उसका विधिवत निष्पादन हो यह सुनिश्चित करें। इसके लिये नगर निगम की डोर-टू-डोर गाड़ी से भी समन्वय स्थापित किया जाए।
संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने संभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने विभाग में स्वच्छता के लिये प्रतियोगिताओं का भी आयोजन कराएँ महिला बाल विकास विभाग सबसे स्वच्छ आंगनबाड़ी, स्कूल शिक्षा विभाग सबसे स्वच्छ शाला, खाद्य विभाग सबसे स्वच्छ उचित मूल्य दुकान, स्वास्थ्य विभाग सबसे स्वच्छ स्वास्थ्य केन्द्र की तर्ज पर सभी विभाग अपने-अपने विभाग में स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता के लिये प्रतियोगितायें आयोजित करें। इस प्रतियोगिता के लिये पंजीयन 10 फरवरी तक कराया जायेगा। इसके पश्चात श्रेष्ठ स्वच्छता संस्थानों को पुरस्कृत करने का कार्य भी किया जायेगा। सभी संभागीय अधिकारी उक्त कार्य को गंभीरता से लें।
मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए करें विशेष प्रयास
समीक्षा बैठक में मातृ मृत्यु दर को कम करने के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई। संभागीय आयुक्त श्री सक्सेना ने महिला-बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करते हुए इस दिशा में सार्थक परिणाम लाने के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने संभागीय अधिकारी को यह भी निर्देशित किया कि इस विषय पर जिला कलेक्टरों के माध्यम से भी प्रति सप्ताह आयोजित होने वाली टीएल बैठक में अनिवार्यत: चर्चा कराई जाए और इस दिशा में विशेष प्रयास सभी जिलों में हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए।
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