कलेक्टर गाइडलाइन में किसी भी प्रकार की वृद्घि न की जाए: एमपीसीसीआई

एमपीसीसीआई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वाणिज्यिक कर मंत्री- जगदीश देवड़ा, ऊर्जा मंत्री- प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद- विवेकनारायण शेजवलकर एवं जिलाधीश व अध्यक्ष जिला मूल्यांकन समिति को पत्र प्रेषित किया

ग्वालियर  । कलेक्टर गाइडलाइन में किसी भी प्रकार की वृद्घि न किए जाने को लेकर म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री-श्री शिवराज सिंह चौहान, वाणिज्यिक कर मंत्री-श्री जगदीश देवड़ा, ऊर्जा मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद-श्री विवेकनारायण शेजवलकर एवं जिलाधीश व अध्यक्ष जिला मूल्यांकन समिति, ग्वालियर को पत्र प्रेषित किया गया है।

एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया गया है कि मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह जी चौहान द्बारा कलेक्टर गाइडलाइन में कमी की गई थी और यह घोषणा की थी कि आगामी तीन वर्ष तक कलेक्टर गाइडलाइन में किसी भी प्रकार की वृद्घि नहीं की जायेगी। जबकि जिलाधीश महोदय की अध्यक्षता में विगत दिवस आयोजित की गई जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन में 20 फीसदी की वृद्घि प्रस्तावित की गई है। जिला मूल्यांकन समिति की बैठक आयोजित होना और उसमें कलेक्टर गाइडलाइन में वृद्घि प्रस्तावित किया जाना माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा के विपरीत है।

एमपीसीसीआई ने पत्र में उल्लेख किया है कि कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और यह सेक्टर अब तक प्रतिकूल स्थिति से उबर नहीं पाया है। रियल एस्टेट सेक्टर कारोबार में तेजी का असर प्रत्येक सेक्टर पर परिलक्षित होता है और इससे शासन के राजस्व में भी आशातीत वृद्घि होती है। जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में कलेक्टर गाइडलाइन में प्रस्तावित वृद्घि पर समिति के सदस्यों ने ही असहमति जताई है, जिसका उल्लेख आज के समाचार-पत्रों में प्रमुखता से किया गया है।

एमपीसीसीआई ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि ग्वालियर जिले की कलेक्टर गाइडलाइन में प्रस्तावित वृद्घि को वापिस लिया जाये, जिससे प्रदेश सरकार द्बारा तीन वर्ष तक कलेक्टर गाइडलाइन में किसी भी प्रकार की वृद्घि न किये जाने की घोषणा का पालन हो सके।

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