राहू-केतू दोनो ने 12 अप्रेल को दोपहर 03:19 बजे 18 महीने बाद राशि बदल ली।
राहू मंगल की मेष राशि मे और केतू शुक्र की तुला राशि मे अब 18 माह रहेगा। अभी राहु शुक्र की राशि बृष मे केतु मंगल की राशि बृश्चिक में थे।
राहू केतू वास्तविक रूप में ग्रह नही है। छाया ग्रह है। स्कंध पुराण के अनुसार इनका जन्म उज्जैन में हुआ। पर ये छाया ग्रह व्यक्ति के जीवन मे अचानक भूचाल लादेते है। सर्प जैसा भय रहता है हालांकि सर्प स्वयं डरता है जब वो दबता है तो डसता भी है सर्प को कितना ही दूध पिलाये पर जहर ही उगलता है। इसी प्रकार से ये ग्रह स्वभावतः दुःख, कष्ट, हानि के लिए जाने जाते है।सूर्य,चन्द्रमा को ग्रहण भी यही लगते है।
अभी राहू व शनि का 29 अप्रेल तक केंद्र योग रहेगा। इसके बाद शनि की तृतीय पूर्ण दृष्टि राहु पर रहेगी। जो दक्षिण-पक्षिम देश ,दुनियां में हिंसा, अशांति,भय बनाएंगे देश-दुनियां के लिए भी ठीक नहीं होगे।
*व्यापारिक वस्तुओं पर प्रभाव* :- मेष राशि मे राहू चना,जौ,गेंहू आदि अनाजो के भाव मे वृद्धि करेगा। 29 अप्रेल के बाद चाँदी,सोना,लोहा,मशीनरी,सरसों, अलसी,चमड़ा, कोयला,बिजली का सामान,बारूद का सामान के दाम ऊँचाई पर होंगे।
*राशियों पर इन का असर*:- मेष :- संतान, पत्नी के स्वास्थ्य की चिंता।
बृष :- धन की कमी,भय,स्थान परिवर्तन
मिथुन:- लाभ,उन्नति,सफलता
कर्क:- दान,पुण्य में रुचि
सिंह:- भाई-बहनों को पीड़ा,अशांति,भाग्य अबरोध
कन्या:- मतिभ्रम,शरीर कस्ट
तुला:- स्त्री,पुत्र द्वारा धन खर्च,अशांति
बृश्चिक:- हानि,झंझट, शत्रु पीड़ा
धनु:- दोड़-धूप ज्यादा,संतान वाधाए।
मकर:- रोजगार में प्रतिकूलता,घरेलू अशांति
कुंभ:- पराक्रम बृद्धि,शुभ,सफलता
मीन:- परिवारक मन मुटाव,धन-सम्पति की चिंता रहेगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ग्वालियर। मो.9425187186
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें