एक दिन में दो बार भारत की प्रमुख संस्थाओं से सम्मानित हुए ज्योतिषाचार्य डॉ जैन

 

29 मार्च को राजस्थान के महावीर जी शहर में भारत की दो प्रमुख संस्थाओं का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ।

एक अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद रजि. दिल्ली का पांचवा राष्ट्रीय अधिवेशन परम् पूज्य 105 सृष्टि भूषण माताजी के संघ सानिध्य में राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि जैन गुरु जी की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे से शाम 05 बजे तक चला।

इस मे भारत के अनेक शहरों से विद्वान व ज्योतिषाचार्यो ने भाग लिया व अपने ज्योतिष पर विचार रखे।

ग्वालियर के सुप्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने ज्योतिष विषय पर बोलते हुए कहा कि ज्योतिष शास्त्र वेदों का नेत्र है। ग्रह पिंड सभी चर-अचर वस्तुओं व्यक्तियो पर अपना अच्छा बुरा असर करते है।ग्रह पिंड जब अपने अपने पथ पर भ्रमण करते हुए मनुष्य के करीब से गुजर रहे होते है तो वे अपने गुण धर्म के अनुसार वयक्ति को प्रभावित करते हुए जीवन मे अच्छा बुरा प्रभाव सुख-दुःख के रूप में देते ही है। एक ज्योतिषी को जन्मकुंडली में उनके गोचर चाल महादशा-अंतर्दशा के समय की अन्य ग्रहों से अंशात्मक युति योग आदि के समय का आंकलन अच्छी तरह से करके उनके दुष्परिणाम को जानकर  ग्रहों के उपाय दान पदार्थ ,मन्त्र जप पूजा आदि  से शांति व सरल उपाय बताना चाहिए  क्योकि व्यक्ति पहले से ही परेशान दुःखी रहता है ऐसे में मंहगे ज्योतिष उपाय वह करने में असमर्थ रहता है उपाय सही मुहूर्त में प्रारम्भ कराना चाहिए।।

इस अवसर पर दिल्ली से पधारे संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि जैन गुरु जी और उनकी टीम ने ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन का माला, पगड़ी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

शाम के समय रात्रि 07 बजे से 11 बजे तक भारत व अन्य देशों में भक्ताम्बर स्त्रोत के काव्य व मंत्रों उच्चारण व हीलिंग के माध्यम से तमाम लोगो के रोगों  को ठीक करने बाली ( IVS) इंटरनेशनल वीतराग स्प्रिचवल फाउंडेशन संस्था का हीलिंग कार्यक्रम देश के तमाम ट्रेनर मास्टरों की उपस्थिति में भक्ताम्बर की महिमा से देश विदेश में नाम करने बाली डॉ मंजू जैन,डॉ अर्चना- नवीन जैन नागपुर,डॉ शालू जैन जयपुर के नेतृत्व में चला इस संस्था ने ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया।

जैन ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि भक्ताम्बर व णमोकार मंत्र की महिमा का शब्दो मे वर्ण करना असम्भव है। यदि भक्ताम्बर व णमोकार मंत्रो का जाप, पाठ, हीलिंग शुरू करने से पहले रोगी व्यक्ति की ग्रहों की स्थिति की जानकारी करके उनके रंग,माला,आसन,पहर,दिशा की जानकारी के अनुसार कराया जाए तो भक्ताम्बर व णमोकार मंत्रो से हर रोगी के शतप्रतिशत रोग ठीक हो सकते हैं।

इस अवसर पर IVS संस्था के पदाधिकारियों ने ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन का माला , शॉल पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

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