गुना। मध्य प्रदेश के गुना के आरोन थानाक्षेत्र में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात पुलिस और शिकारियों के बीच मुठभेड़ में एक एसआइ सहित तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
मध्य प्रदेश के गुना जिले के आरोन क्षेत्र में शिकारियों के साथ पुलिस मुठभेड़ में शहीद तीन पुलिसकर्मियों की घटना के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आईजी ग्वालियर को घटनास्थल पर देरी पहुंचने पर हटा दिया है। वहां एसएएफ एडीजी डी श्रीनिवास वर्मा की पदस्थापना की गई है। सीएम ने उच्चस्तरीय बैठक में घटना में शहीदों के परिजनों को एक-एक करोड़ की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया गया। सामाने आया है कि एक शिकारी की मुठभेड़ में मौत हो गई है। अन्य शिकारियों की सर्चिंग की जा रही है।
गुना जिले में शिकारियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों के शहीद होने की घटना के बाद आज सुबह सीएम चौहान ने एक बैठक बुलाई थी। इसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंक, डीजीपी सुधीर सक्सेना शामिल हुए और गुना जिले के अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली गई।गौरतलब है कि मुठभेड़ में शहीद हुए एसआई राजकुमार जाटव, हवलदार नीरज भार्गव और सिपाही संतराम मीणा के अलावा एक शिकारी मारा गया है। घटना में सात शिकारी शामिल होने की बात सामने आई है जिनमें से एक शिकारी की मौत हो गई है।
सभी शिकारियों की पहचान
सीएम चौहान ने कहा है कि घटना के बाद कार्य में लापरवाही बरतने पर आईजी ग्वालियर अनिल शर्मा को हटा दिया गया है। उन्होंने बयान दिया है कि सभी शिकारियों की पहचान हो चुकी है और उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी कि इतिहास में याद रखा जाएगा। एक शिकारी का शव गांव में मिला है जिसकी मौत गोली लगने से होना पाया गया है।
शहीदों को आर्थिक सहायता
बैठक में यह फैसला किया गया है कि शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारजनों को एक-एक करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही तीनों पुलिसकर्मियों के अलग-अलग स्थानों पर होने वाले अंतिम संस्कारों में प्रभारी मंत्री शामिल होंगे।
अपराधियों पर कठोर कार्रवाई होगी
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में कहा है कि मुठभेड़ में शामिल शिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। मिश्रा ने कहा कि पुलिस की मुस्तैदी से शिकारियों को शिकार से रोका जा सका है। पुलिस की रात्रिकालीन पेट्रोलिंग के कारण ही शिकारियों की घेराबंदी हुई
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