संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण में आदिवासी समुदाय का अहम योगदान- कुशवाह

अजाक्स के तत्वाधान में विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित  

ग्वालियर /  हमारी संस्कृति एवं प्रकृति को संरक्षित करने में आदिवासी समुदाय का बहुत बड़ा योगदान हैं। जल,जंगल व जमीन के बिना जीवन अधूरा हैं।आदिवासी समुदाय सदियों से इनके संरक्षण का काम कर रहा है। आदिवासी समाज वो समाज है जिसने अंग्रेजों को भी मुँहतोड़ जबाव दिया था। इसलिए हम सभी का दायित्व है कि आदिवासी समाज के उत्थान  में अपना योगदान दें। इस आशय के विचार उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुए कार्यक्रम में व्यक्त किए । 

यहाँ ठाठीपुर स्थित अजाक्स कार्यालय परिसर में आयोजित हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता बीज एवं फॉर्म विकास निगम के अध्यक्ष श्री मुन्नालाल गोयल ने की। इस अवसर पर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश कुंवर सिंह जाटव बतौर विशिष्ट अतिथी मौजूद थीं। कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष तिवारी, अपर कलैक्टर श्री एच बी शर्मा, कार्यक्रम के मुख्य  वक्ता वरिष्ठ पत्रकार डाँ. सत्यप्रकाश शर्मा, श्री आशीष प्रताप सिंह राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधी गण जी आर मेडीकल कॉलेज के अधिष्ठाता, सहायक आयुक्त जन जाति कल्याण श्री एच बी शर्मा व अजाक्स के जिला अध्यक्ष चौधरी मुकेश मौर्य मंचासीन थे। 

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री कुशवाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में केन्द्र व राज्य सरकार आदिवासी समुदाय में जन्मे महापुरूषों को सम्मान देने में अग्रणी है। सरकार द्वारा भगवान बिरसा मुण्डा जैसे महापुरूषों की प्रतिमा लगाने के साथ साथ उनके नाम से उत्सव भी मनाएं जा रहे हैं , जिससे सम्पूर्ण समाज  उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा ले सके। उन्होंने कहा संत व महापुरूष किसी एक समाज के नहीं होते वे सभी समाज के कल्याण का काम करते हैं।

बीज एवं फॉर्म विकास निगम के अध्यक्ष श्री गोयल ने कहा  कि आदिवासी समाज ने प्रकृति संरक्षण के लिए बखूबी डंग से अपनी भूमिका का निर्वहन किया है। हम सब की भी जिम्मेदारी है कि उनके शैक्षणिक व आर्थिक उत्थान में अपना योगदान दें। उन्होंने जल,जंगल और जमीन को बचाने के लिए जन भागीदारी के साथ काम करने पर बल दिया। 

जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश जाटव ने कहा पहला मानव समाज आदिवासी समाज है, जो मानव का बजूद को बनाए रखने और प्रकृति को संरक्षित करने के लिए हमेशा से संघर्ष करता रहा है। उन्होंने आदिवासी समुदाय को शिक्षित करने के लिए उन्हीं की भाषा व बोली में शिक्षा देने की जरूरत बताई। 

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा ने कहा कि हम अपने आप को प्रकृति से कैसे जोड़े यह सीख और संदेश हम आदिवासी समाज से ले सकते है। आदिवासी समुदाय ने प्रकृति की शुरूवात से ही जल,जंगल व भूमि का संरक्षण करने के साथ साथ सामाजिक समरसता बनाए रखने का भी संदेश दिया है। उन्होंने आदिवासियों के अधिकार व उनके संरक्षण के लिए बनाए गए कानूनों की जानकारी भी दी। 

आरंभ में अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या भील, संत रविदास व संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। स्वागत उदबोधन अजाक्स के जिला अध्यक्ष चौधरी मुकेश मौर्य ने दिया। अंत में श्री रामेश्वर पटेल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रवि अंबे द्वारा किया गया। 

आदिवासी बहुल ग्राम गुर्री को गोद लेकर कराए जाएँगे विकास कार्य

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि उटीला के पास स्थित आदिवासी बहुल ग्राम गुर्री को गोद लेकर सभी साझा प्रयासों से विकसित किया जाएगा। इस गांव में सरकार के सभी विभागों की योजनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर महान संत रविदास के भव्य मंदिर का निर्माण कराने की बात भी कही। श्री कुशवाह ने कहा कि सभी के प्रयासों से यह मंदिर बनवाया जाएगा। जिसमें वे अपनी ओर से भी भरपूर सहयोग देंगे।

आदिवासी गौरव सम्मान भी प्रदान किए गए

समाज कल्याण के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम कर रहे विभूतियों को कार्यक्रम में आदिवासी गौरव अलंकरण सम्मान प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मानित विभूतियों में  एसडीएम मुरार ग्रामीण श्रीमती पुष्पा पुषाम, बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर श्री दीपक कुजूर, सीएम राइज कन्या विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती मनोरमा नायक, जीआरएमसी के पैथोलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. गजेंद्र पाल सिंह, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के श्री कुलदीप त्रिवेदी शामिल हैं। 

रंगारंग आदिवासी नृत्य ने बांधा समा

विश्व आदिवासी दिवस पर रंगारंग रैली भी निकाली गई। फूल बाग से शुरू हुई यह रैली अजाक्स कार्यालय परिसर पहुँची और यहीं पर इसका समापन हुआ। रैली में शामिल लोक कलाकारों ने अजाक्स कार्यालय में रंगारंग  उरांव आदिवासी लोकनृत्य प्रस्तुत कर समा बांध दिया। 



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