ग्वालियर के डॉ हुकुमचंद जैन ज्योतिषाचार्य राजस्थान में सम्मानित हुए

 

अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद का द्वितीय अधिवेशन जैन आचार्य सुनील सागर जी महाराज के सानिध्य में भट्टारक जी की नसिया नारायण सर्किल जयपुर में 19 अगस्त को हुआ।

इस अधिवेशन में दिल्ली, हरियाणा,मेरठ,भोपाल,इंदौर, उज्जैन, पटना, किशनगढ़, उदयपुर, निवाड़ी,छतरपुर,पुणे मुंबई,अहमदाबाद,जबलपुर,रायपुर, बैंगलोर,सोलापुर,कोलापुर,मुरैना आदि शहरों से विशिष्ठ जैन ज्योतिषाचार्य शामिल हुए। उन्होंने जैन आगम में ज्योतिष और मनुष्य जीवन में आने बाली बाधाओं को धर्म के अनुसार कैसे कम किया जा सकता है विषय पर अपने विचार रखे।

ग्वालियर से ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने अपने वाचन में कहा कि मनुष्य को उसके जन्म की राशि से अपना गोचर या विनशोतरी दशा का अच्छा बुरा फल देखना चाहिए। क्योंकि भारत में चंद्र राशि को प्रधानता ज्योतिष में दी है। मनुष्य जब जन्म लेता है तो किसी नक्षत्र के एक चरण में जन्म लेता हे उसी अनुसार उसकी राशि बनती है जिन के जन्म कुंडली नही है उन्हे नाम के प्रथम अक्षर से राशि जानकर जीवन में ग्रहों के अच्छे बुरे फल जानकर उस अनुसार ही उपाय करना चाहिए तो कष्ट,बाधाओं से बचा जा सकता है। इस अवसर पर सनमति सुनील सागर सभागार  जयपुर समाज के हजारों लोगों की उपस्थिति से खचा खच भरा हुआ था। जयपुर वर्षा योग समिति एवम परिषद के अध्यक्ष रवि जैन गुरुजी,कार्यक्रम संयोजक श्री विनोद जैन ,श्रीमती ज्योतिषाचार्य डॉ शालू जी जैन ने ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन का सम्मान किया।

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