स्व-सहायता समूह अब राष्ट्र सहायता समूह बन गए हैं – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कराहल में आयोजित हुए विशाल स्व-सहायता समूह सम्मेलन में हुए शामिल

राज्यपाल श्री पटेल, मुख्यमंत्री श्री चौहान तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्रिगण ने भी की सहभागिता

ग्वालियर / प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि महिलाओं के संकल्प व पुरूषार्थ की बदौलत स्व-सहायता समूह अब राष्ट्र सहायता समूह बन गए हैं। महिला समूहों की यह ताकत आजादी के अमृत काल में विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री श्री मोदी महिला सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भर भारत की नई इबारत लिख रहे स्व-सहायता समूहों के विशाल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा देश की महिलाओं ने हर चुनौती का अपनी उद्यमशीलता से सामना किया है और देश में विश्वास पैदा कर नारी शक्ति का परिचय दिया है। 

श्योपुर जिले के पर्वतीय एवं वनांचल क्षेत्र में बसे आदिवासी बहुल विकासखण्ड मुख्यालय कराहल के मॉडल स्कूल परिसर में आयोजित हुए विशाल एवं भव्य स्व-सहायता समूह सम्मेलन में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्रिगण श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्री वीरेन्द्र कुमार, श्री प्रहलाद पटेल व श्री फग्गन सिंह कुलस्ते सहित राज्य सरकार के मंत्रिगण एवं सांसदगण मंचासीन थे। 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्व-सहायता समूहों से जुड़ी बहनों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जहाँ महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ता है वहाँ सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका उदाहरण है। इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा अधिक से अधिक क्षेत्रों में महिलाओं को प्रबंधन से जोड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से पूरे देश में अब तक 8 करोड़ से अधिक बहनें स्व-सहायता समूहों से जुड़ चुकी हैं। अर्थात इससे 8 करोड़ परिवार सीधे लाभान्वित हुए हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर परिवार से एक महिला इस अभियान से जुड़े। उन्होंने कहा स्व-सहायता समूहों से जुड़कर महिलायें खेती, डिजिटल सेवा, शिक्षा, बीमा, बैंकिंग व भण्डारण व्यवस्था से लेकर पोषण आहार निर्माण व वितरण में प्रभावी भूमिका निभा रही हैं। सरकार ने स्व-सहायता समूहों को दी जाने वाली सहायता में बीते 7 साल में 13 गुनी बढ़ोत्तरी की है। सरकार अब बिना गारंटी के महिला स्व-सहायता समूहों को 20 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता मुहैया करा रही है। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत मूर्तरूप ले रहीं नल-जल योजनाओं के संचालन व रख-रखाव में भी महिलायें बड़ी भूमिका निभा रही हैं। सरकार ने पिछले तीन वर्षों में जल जीवन मिशन के तहत 7 करोड़ नए नल कनेक्शन दिए हैं। जिनमें मध्यप्रदेश के 40 लाख घरों को मिले नल कनेक्शन शामिल हैं। 

समूहों के उत्पादों को बाजार मुहैया कराने में मध्यप्रदेश सरकार के प्रयास राहनीय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने के लिये किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा खुशी की बात है मध्यप्रदेश सरकार द्वारा समूहों के लिये खासतौर पर बनाए गए हाट बाजारों के माध्यम से समूहों ने अपने उत्पादों की 500 करोड़ रूपए से अधिक की बिक्री की है। उन्होंने कहा आदिवासी अंचल में वनोपज को बेहतरीन उत्पादों में बदलने के लिये अनुसूचित जनजाति की बहनें अच्छा काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री वन – धन योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का लाभ भी समूहों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सम्मेलन में मौजूद महिलाओं का आह्वान किया कि वे सरकार द्वारा बनाए गए गवर्नमेंट-ई-मार्केट पोर्टल पर अपना पंजीयन जरूर कराएँ। इस पोर्टल के सरस लिंक पर पंजीयन करके स्व-सहायता समूह अपने उत्पादों को बेच सकते हैं। प्रधानमंत्री ने श्योपुर जिले के प्रसिद्ध लकड़ी उत्पादों को भी सरस पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिये कहा। 

सरकार ने बेटियों के लिये बंद दरवाजे खोल दिए हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा सरकार के कारगर प्रयासों से आर्थिक फैसलों में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। सरकार ने बेटियों के लिये बंद दरवाजे खोल दिए हैं। भारत माँ की बेटी अब सीमा पर भारत माँ की रक्षा के लिये डटी हैं। सेनाओं में अब महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई है।  35 हज़ार से अधिक बेटियाँ आतंकवादियों को धूल चटा रही हैं। सरकार ने  महिलाओं का महत्व बढ़ाने के लिये 2 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर का मालिक बनाया है। साथ ही 11 करोड़ शौचालय बनवाए हैं। इसी तरह सरकार ने मातृ वंदना योजना के तहत महिलाओं के खाते में 11 हजार करोड़ रूपए की धनराशि पहुँचाई है। इनमें से 1300 करोड़ रूपए मध्यप्रदेश की महिलाओं को मिले हैं। 

हर मुसीबत झेलेंगे पर चीतों पर आँच नहीं आने देंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने जन्मदिन पर कूनो – पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीते छोड़ने के बाद स्व-सहायता समूह सम्मेलन में भाग लेने पहुँचे थे। उन्होंने स्व-सहायता समूह सम्मेलन में मौजूद प्रतिभागियों के दोनों हाथ उठवाकर संकल्प दिलाया कि हम सब अपने ऊपर मुसीबत झेल लेंगे पर सुदूर देश नामीबिया से आए चीतों पर आँच नहीं आने देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विश्वास के साथ दक्षिणअफ्रीकी देश नामीबिया से आए चीतों को कूनो-पालपुर के लिये सुपुर्द किया है कि चीते यहाँ पूरी तरह सुरक्षित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 75 साल बाद 8 चीते देश की धरती पर लौटे हैं। ये चीते हम सबके मेहमान हैं। 

आज हमें लाखों माताओं का आशीर्वाद मिला है

अपने जन्मदिन पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं से संवाद करने आए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भावुक होकर कहा कि जन्मदिन पर मेरी इच्छा रहती है कि अपनी माँ के चरण छूकर आशीर्वाद लूँ। पर आज मुझे इस सम्मेलन के माध्यम से हजारों हजार माताओं, बहनों व बेटियों का आशीर्वाद मिला है। यह आशीर्वाद हमारे लिए बहुत बड़ी ताकत, ऊर्जा व प्रोत्साहन है। मेरी माताजी को भी इससे बड़ी प्रसन्नता मिलेगी। 

प्रधानमंत्री श्री मोदी मध्यप्रदेश की धरती पर रोजगार की अपार संभावनायें लेकर आए हैं – मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी रोजगार की अपार संभावनायें लेकर आज मध्यप्रदेश की धरती पर पहुँचे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनों-पालपुर वन्य जीव अभयारण्यमें चीते छोड़कर देश ही नहीं समूची दुनिया में मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है। इससे खासतौर पर श्योपुर सहित सम्पूर्ण ग्वालियर चंबल अंचल में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजगार के नए – नए अवसर पैदा होंगे। क्षेत्र में गाड़ियों, होटल इत्यादि की मांग बढ़ेगी। इससे क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा आज श्योपुर ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश में उत्सव का माहौल है। श्योपुर में आयोजित हो रहे स्व-सहायता समूह सम्मेलन के माध्यम से इस सम्मेलन में मौजूद एक लाख महिलाओं के साथ-साथ प्रदेश भर के 43 लाख संकुलों से जुड़ी लाखों महिलायें ऑनलाइन प्रसारण के जरिए प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यक्रम की साक्षी बनी हैं। आज प्रदेश भर में रक्तदान, दिव्यांग सहायतार्थ शिविर व अन्य रचनात्मक शिविर लगाकर प्रधानमंत्री श्री मोदी का जन्मदिवस मनाया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में आजीविका मिशन के तहत गठित हुए स्व-सहायता समूहों से जुड़कर प्रदेश की महिलाओं ने आजीविका के बड़े-बड़े साधन खड़े कर लिए हैं। प्रदेश की महिलायें अब मजदूर नहीं मालिक बन रही हैं। प्रदेश सरकार ने टेक होम राशन का जिम्मा भी ठेकेदारों से छीनकर महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा है। स्व-सहायता समूह की महिलायें 7 बड़े-बड़े कारखाने भी संचालित कर रही हैं। मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाए गए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। प्रदेश में पहले एक हजार पुरूषों के पीछे 912 महिलायें थीं। यह अनुपात अब बढ़कर 976 हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में हुए पंचायतों के चुनाव में 17 हजार बहनें चुनकर आई हैं, जो महिला सशक्तिकरण का सफल उदाहरण हैं। 

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने श्योपुर जिलेवासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आत्मीय स्वागत करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल बाद श्योपुर जिले की धरती पर पहली बार प्रधानमंत्री का आगमन हुआ है। जिससे यहाँ के निवासी खुशी से अभीभूत हैं। उन्होंने कहा बड़ी खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी उपहार के रूप में चीते लेकर यहाँ पहुँचे हैं। इससे विश्वभर में कूनो-पालपुर व श्योपुर की प्रतिष्ठा बढ़ी है। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि श्योपुर जिला छोटा जरूर है पर प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण है। यहाँ का 60 प्रतिशत रकबा वनों से आच्छादित है। सहरिया जनजाति बहुल श्योपुर जिले से कुपोषण का दाग भी दूर हो रहा है। यहाँ के 57 हजार परिवार स्व-सहायता समूहों से जुड़े हैं। 

सुनीता आदिवासी बोलीं अब हमने आजीविका एक्सप्रेस खरीद ली है

स्व-सहायता समूहों से जुड़ीं महिलाओं ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से अपनी सफलता की दास्तां साझा की। श्योपुर जिले के ग्राम गोरस की निवासी श्रीमती सुनीता आदिवासी का कहना था कि स्व-सहायता समूह से जुड़ने से पहले कई बार हमारे परिवार को भूखे पेट तक सोना पड़ा। लेकिन जैसे ही हम स्व-सहायता समूह से जुड़े हमारे परिवार के दिन फिर गए। हमने समूह से 70 हजार रूपए का ऋण लेकर आटा चक्की लगाई। इससे हमें अच्छी-खासी आमदनी होने लगी। हमने समूह का ऋण भी चुकता कर दिया। इसके बाद समूह से ही सहायता लेकर अपने खेत में ट्यूबवेल लगाकर उन्नत खेती की और ढ़ाई बीघा में अमरूद का बगीचा लगाया। खेती से अब हमें 3 से 4 लाख रूपए सालाना आमदनी हो रही है। सुनीता अपनी खुशी जाहिर करते हुए बोलीं कि अब हमने आजीविका एक्सप्रेस (चार पहिया गाड़ी) खरीद ली है। उनका कहना था कि समूह से जुड़ी हमारी साथी बहनों को भी अच्छी खासी आमदनी हो रही है। सुनीता का कहना था कि मेरे और मेरी साथी महिलाओं के सशक्तिकरण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मामा श्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा योगदान है। वे भावुक होकर बोलीं कि सहरिया आदिवासी परिवार की महिलाओं को आज प्रधानमंत्री जी के समक्ष बोलने का मौका मिला। इससे मेरा और मेरे परिवार का जीवन धन्य हो गया। 

अब हमारे पति को दूसरों की नौकरी नहीं करनी पड़ती

ग्राम कराहल के राधा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती कलिया बाई कुशवाह ने भी अपनी एवं अपनी साथी महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दास्तां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को सुनाई। श्रीमती कलिया बाई का कहना था कि हमारे ग्राम संगठन से 40 स्व-सहायता समूह जुड़े हैं। इनसे संबंधित 300 महिलाओं को पहले मजदूरी के लिये जिले से बाहर जाना पड़ता था। वे महिलायें अब साल में एक से ढेढ़ लाख रूपए तक घर बैठे कमा रही हैं। कलिया बाई बोलीं कि मेरे पति भी पहले दूसरों के यहाँ नौकरी करने जाते थे। उन्हें मजदूरी में मात्र 150 रूपए मिलते थे। स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद हमने 20 हजार रूपए का लोन लेकर गोला बर्फ का ठेला लगाया और सिलाई मशीन खरीद ली। जिससे मेरे परिवार को 30 हजार रूपए की मासिक आमदनी होने लगी। इसके बाद हमने मछली पालन की ट्रेनिंग लेकर और बड़े पैमाने पर मछली पालन शुरू किया। जिससे हमें लाखों की आमदनी होती है। इस साल मुझे मछली पालन के लिये एक अमृत सरोवर भी मिल गया है। समूह से जुड़ने के बाद हमारे परिवार के भाग्य खुल गए हैं। 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देखी स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्व-सहायता समूह सम्मेलन परिसर में लगाई गई समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी देखी। साथ ही उन्होंने समूहों के उत्पादों की सराहना की और समूहों के सदस्यों से चर्चा कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर विभिन्न समूहों ने अपने उत्पाद भी प्रधानमंत्री को भेंट किए। समूहों के उपहार पाकर प्रधानमंत्री ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि समूहों द्वारा दिए गए यह उपहार पूरे देश के लिये अनमोल है। 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दी विश्वकर्मा जयंती की बधाई

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज विश्वकर्मा जयंती है। इस पुनीत अवसर पर स्व-सहायता समूह सम्मेलन का आयोजन एक सराहनीय पहल है। उन्होंने स्व-सहायता समूह सम्मेलन के मंच से सम्पूर्ण देशवासियों को विश्वकर्मा जयंती की बधाई और शुभकामनायें दीं। उन्होंने इस पावन दिवस पर मध्यप्रदेश में पर्यावरण की रक्षा के लिये 10 लाख पौधे रोपने का अभियान चलाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे पौधों में परमात्मा देखने वाले अपने देश को नई ऊर्जा मिलेगी। 

समूह को चैक व अन्य सहायता वितरित की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं अन्य अतिथियों ने स्व-सहायता समूह सम्मेलन में मारूति नंदन स्व-सहायता समूह से जुड़ीं श्रीमती रामकन्या बाई को 10 लाख रूपए की सहायता का चैक प्रदान किया। साथ ही श्रीराम स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिला श्रीमती शीतल बैरवा को जल जीवन मिशन की नल-जल योजना का संधारण करने के लिये किट सौंपी। 

इनकी भी रही मौजूदगी

कराहल में आयोजित हुए स्व-सहायता समूह सम्मेलन में सांसद खजुराहो एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री वी डी शर्मा, वन मंत्री श्री कुँवर विजय शाह, राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, सहकारिता मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, जनजाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्रीमती मीना सिंह, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, राज्य मंत्री श्री रामखिलावन पटेल, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर, श्री के पी सिंह यादव व श्रीमती संध्या राय सहित अन्य सांसदगण, विधायकगण, पंचायत संस्थाओं के पदाधिकारी तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में स्व-सहायता समूह सम्मेलन में शामिल होने आईं महिलायें मौजूद थीं। 

कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का किया ई-लोकार्पण

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कराहल में आयोजित हुए महिला स्व-सहायता समूह के सम्मेलन के मंच से शिवपुरी, मंडला, शहडोल और तामिया के विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का ई-लोकार्पण भी किया। 

रंगीन परिधानों में सजधजकर और लोकनृत्य करती हुईं पहुँची आदिवासी महिलाएँ

रंग-बिरंगे परिधानों में सजीधजीं जन-जाति वर्ग की महिलाएँ जब अपने-अपने क्षेत्र की खूबियों से ओत-प्रोत लोकनृत्य करती हुईं स्व-सहायता सम्मेलन की ओर बढ़ीं तो फिजा लोकरंगो से सराबोर हो गई। कराहल के मॉडल स्कूल परिसर में बने विशाल एवं भव्य पंडाल में आयोजित हुए स्व-सहायता सम्मेलन में हाथों में तिरंगा थामे समूहों की दीदियों ने प्रवेश किया और भारत माता एवं प्रधानमंत्री जी के जयकारे लगाए।  आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों से जुड़ने के बाद हुए आर्थिक सशक्तिकरण की झलक महिलाओं के चेहरे पर साफ झलक रही थी। 




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