ग्वालियर के मास्टर प्लान में एफएआर में किये गये संशोधन के प्रस्ताव को सहन नहीं किया जायेगा : MPCCI

 सारे प्रयोग ग्वालियर के साथ ही क्यों ?

आमजन की पहुंच से दूर हो जाएगा ‘अपना मकान` का सपना

यदि प्रस्तावित प्रावधान वापिस नहीं लिया तो होगा बड़ा जन आंदोलन

ग्वालियर के मास्टर प्लान 2035 में राज्य शासन द्बारा किये गये उपांतरणों पर एमपीसीसीआई एवं क्रेडाई द्बारा संयुक्त रूप से `चेम्बर भवन` में आयोजित बैठक में लिया गया निर्णय



ग्वालियर । ग्वालियर के विकास के लिए वर्ष-2035 तक के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान के प्रारूप में आवासीय एवं व्यवसायिक दोनों निर्माण कार्यों में 2.5 गुना फ्री एफएआर देने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे राज्य शासन द्बारा परिवर्तित कर आवासीय में 1.25 तथा व्यवसायिक में 1.50 गुना प्रस्तावित किया गया  है तथा इससे ज्यादा एफएआर के लिए भूमि के मूल्य की 50 प्रतिशत राशि चुकानी होगी। राज्य शासन द्बारा प्रस्तावित उक्त जनविरोधी संशोधन पर आज ‘चेम्बर भवन` में एमपीसीसीआई एवं क्रेडाई द्बारा संयुक्त रूप से बैठक आयोजित की गई। बैठक में एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल, क्रेडाई अध्यक्ष-अतुल अग्रवाल सहित महेश भारद्बाज, राजेश गुप्ता, डी.पी. अग्रवाल, अतुल के. पाठक, हेमेश दण्डौतिया, शैलेष जैन, विकास गंगवाल, कार्तिकेय गोयल, बालकृष्ण खण्डेलवाल, राजा श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। 

इस अवसर पर एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन से रियल एस्टेट  के व्यवसाय को बहुत फर्क पड़ेगा और गरीब आदमी मकान खरीदने से वंचित होगा जिससे ग्वालियर का विकास प्रभावित होगा। 

बैठक में क्रेडाई अध्यक्ष अतुल अग्रवाल ने कहा कि इस प्रावधान से फ्लेट, डुप्लेक्स की लागत में कई गुना वृद्घि होगी, जिसकी वजह से आमजन का ‘अपना मकान` का सपना अधूरा रहेगा और रियल एस्टेट का व्यवसाय खत्म हो जायेगा। 

मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि सारे प्रयोग ग्वालियर में ही क्यों किये जाते हैं, यह समझ से परे है। एक ओर प्रधानमंत्री जी प्रत्येक व्यक्ति को उसका स्वयं का मकान मिले इसके लिए सतत प्रयत्नशील हैं, दूसरी ओर प्रदेश के आला अफसर उसके विपरीत निर्णय लेकर उसे प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। 

बैठक में उपस्थित सभी महानुभावों द्बारा राज्य शासन द्बारा एफ.ए.आर. में प्रस्तावित किये गये संशोधन का एकमत से विरोध करते हुए कहा कि राज्य शासन द्बारा किये गये संशोधन प्रस्ताव को ग्वालियर सहन नहीं करेगा। भूमि विकास नियम में जो एफ.ए.आर. मिल रहा है, वह दिया जाना चाहिए क्योंकि प्रस्तावित संशोधन से ‘अपना मकान` का सपना आमजन की पहुंच से दूर हो जाएगा, वहीं गरीब व्यक्ति अब घर नहीं खरीद पायेगा।  यह प्रयोग केवल ग्वालियर के लिए किया जा रहा है जो कि ग्वालियर के लिए सौतेला व्यवहार जैसा प्रतीत होता है। यह संशोधन ग्वालियर के विकास को अवरूद्घ करने वाला है। 

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य शासन द्बारा प्रस्तावित संशोधन पर निर्धारित समय सीमा में आपत्ति दर्ज कराई जायेंगी। वहीं 15 सितंबर से पहले जिलाधीश ग्वालियर को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज कराया जायेगा। इसके पश्‍चात्‌‍ ग्वालियर से केन्द्र एवं राज्य शासन में प्रतिनिधित्व कर रहे जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर प्रस्ताव को वापिस कराये जाने की मांग की जायेगी। 19 सितंबर को पुन: बैठक कर, विरोध की आगामी रणनीति पर विचार किया जायेगा।

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