छोटी एवं बड़ी दीपावली दोनो 24 अक्टूबर सोमवार की ग्रहण का नहीं होगा कोई असर

इस बार ऐसा संयोग बना है कि दो दो तिथि एक ही दिन में चलने से सामान्य जन दीपोत्सव के पांच दिनों चलने वाले पर्व को मनाने में भ्रमित हो रहा है रही कसर 25 अक्टूबर को पड़ रहे सूर्य ग्रहण के सूतक ने निकाल दी।

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि दीपावली के दीपोत्सव का दूसरा दिन रूप चतुर्दशी,नरक,चतुर्दशी रहती हैं इसे छोटी दीपावली भी कहते है । इस वार 24 अक्टूबर को अरुणोदय स्नान और चंद्रोदय प्रातः 05:23 बजे होने से रूप चतुर्दशी का पर्व 24 अक्टूबर सोमवार को ही होगा।  इसी दिन शाम को चतुर्दशी 05:27 बजे समाप्त हो जायेगी और अमावश्या प्रारंभ हो जायेगी जो 25अक्टूबर को शाम 16:18 बजे तक रहेगी।  इस दिन दीपावली पूजन होगा । जैन ज्योतिषाचार्य ने कारण बताते हुए कहा कि दीपावली पूजन इस वार 24 अक्टूबर सोमवार को ही हो जाएगा क्योंकि 24 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी शाम को 05:27 पर समाप्त हो जाएगी इसी समय अमावश्या प्रारम्भ हो जाएगी अतः लक्ष्मी पूजन 24 अक्टूबर सोमवार को ही अमावश्या युक्त प्रदोष काल मे शाम को 05:27 बजे से 08:10 बजे तक प्रदोष काल और स्थिर बृषभ लग्न में है।
निशिथकाल रात्रि 11:45 से 12:37 बजे तक है।
स्थिर सिंह लग्न मध्य रात्री बाद  01:30 बजे से 03:45 बजे तक है।
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण का सूतक 24/25 अक्टूबर की रात्रि तड़के 04:31 बजे से लगेगा। 25 अक्टूबर ग्रहण शाम को 16:36 बजे और मोक्ष 18:28 बजे पर होगा। इस सूर्य ग्रहण का दीपावली पूजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा गोवर्धन पूजन जो दीवाली के दूसरे दिन होता है उस पर इस ग्रहण के सूतक की वजह से  26 अक्टूबर बुधवार को गोवर्धन पूजन होगा।
चौघड़िया अनुसार दीपावली पूजन मुहूर्त -
चोघडिया, दिन
शुभ 09:12 बजे से 10:37 बजे तक शुभ की चौघड़िया कलम, दवात आदि सभालने
चर 13:26 से14:51 बजे तक शुभ दीपावली की रचना आदि करने के लिए समय
लाभ 14:51 से 16:16 बजे तक और
अमृत 16:16 से 17:40 बजे तक शुभ फेक्ट्री,व्यापार,दुकान,ऑफिस आदि घर से दूर वाले स्थलो का पूजन मुहूर्त।
चोघडिया, रात
चर 17:40 से 19:16 बजे तक शुभ प्रदोष काल और स्थिर वृषभ लग्न का संयोग।
लाभ 22:26 से 24:02 बजे तक लाभ और निशीथ काल के संयोग में।
शुभ 01:37 बजे से 03:12 बजे रात स्थिर सिंह लग्न और शुभ चौघड़िया के संयोग में।
अमृत 03:12 बजे  से 04:31 बजे तक अमृत की चौघड़िया में पूजन ,लक्ष्मी साधना श्रेष्ठ है।
*जैनियों की दीपावली 25 अक्टूबर मंगलवार को*
जैन मतावलंबी अपने धर्म के अनुसार 25 अक्टूबर मंगल को प्रातः 06 से 08 बजे के बीच भगवान महावीर निर्वाण लाडू महोत्सव मनाएंगे इस के बाद दिन में शाम  अमावश्य तिथि के समाप्ति तक 16:18 बजे तक अपने अपने घरों,दुकान,व्यापार आदि स्थलो पर गौतमगणधर और सरस्वती का पूजन कर दीपावली पूजन करेंगे। इसी दिन से वीरनिर्वाण संवत 2549 प्रारंभ हो जायेगा । 

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