भोपाल से आयोजित गोवर्धन पूजा कार्यक्रम का टीकमगढ़ एनआईसी में देखा गया सीधा प्रसारण
अजय अहिरवार aapkedwar News
टीकमगढ़ -गोवर्धन पूजा के अवसर पर कुशा भाउ ठाकरे सभागार भोपाल से प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में आयोजित पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक खेती विषय पर आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण जिला मुख्यालय स्थित एनआईसी केंद्र, कृषि मंडी तथा कृषि विज्ञान केन्द्र टीकमगढ़ में देखा एवं सुना गया। एनआईसी कक्ष टीकमगढ़ में कलेक्टर श्री सुभाष कुमार द्विवेदी, उप संचालक कृषि श्री भरत राजवंशी, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद श्री सुनील कटियार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल संबोधित करते हुये कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पर्यावरण एवं प्रकृति की रक्षा के लिए गोवर्धन पूजा की परंपरा शुरू की थी, जो आज भी परंपरागत रूप से मनाया जाता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रीन सिटी इंडेक्स का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज चौहान ने दीपावली की शुभकामनायें दीं।और कहा कि किसान परंपरागत रूप से पालतू जीवों की व्यवस्था करता आया है। हमारे देश का नारा है वसुधैव कुटुबं, सभी का कल्याण हो, सभी निरोगी हों, सभी सुखी हों, हमारी परंपरा में वन एवं पालतू जीवों तथा वनस्पति पूजा की परंपरा रही है, भारत के दर्शन से ही प्रकृति का संरक्षण कर सकती है। हमें धरती को सुरक्षित बनाये रखने के लिए सोचना होगा। सरकार और समाज मिलकर इसके लिए कार्य करें। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मिशन लाइफ की थ्योरी दी है। इसके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जीवन शैली में परिवर्तन लाना होगा, हमें पेड़ लगाना होगा। पानी की बरबादी रोकनी होगी। उन्होंने कहा कि उर्जा संरक्षण करना चाहिएं। सांस्कृतिक परंपराओं का पालन तथा पर्यावरण संरक्षण के उपाय करने होंगे। विकास तथा रोटी के बीच समन्वय बनाना होगा। ग्रीन एनर्जी का उपयोग, गोबर का संरक्षण तथा सही उपयोग करके ग्रीन बेल्ट तैयार कर सकेंगे। स्वच्छता में मध्यप्रदेश नंबर एक का राज्य है। ग्रीन इंडेक्स में भी प्रदेश नंबर एक में लाना है। आपने सरकार के साथ मिलकर गौवंश का संरक्षण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि गौ मूत्र एवं गोबर का बेहतर उपयोग करने के लिए दवा बनाने तथा सी एन जी बनाने का कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्राकृतिक खेती करके जमीन को बंजर होने से बचाये, किसान जमीन के छोटे टुकडों में प्राक्रतिक खेती अपनायें।
कार्यक्रम में स्वामी गौरांग ने संशोधित करते हुए कहा कि गोवर्धन भगवान श्री क्रष्ण का स्वरूप है। गोवर्धन से आशय भगवान श्री कृष्ण हर दृष्टि से ब्रजभूमि का वर्धन करें। पर्यावरण में हमारी चेतना हमारे मन का बहुत महत्व है। आज अपनी आवश्कताओं के लिए प्रक्रति के शोषण की प्रवृत्ति बढ़ रही है। पर्यावरण की समस्या के निदान के लिए प्रक्रति की सेवा करना होगा। मिट्टी तथा जल का संरक्षण करना होगा। स्थायी विकास के लिए हर व्यक्ति को अपनी आदतों को नियंत्रित करना होगा। हम सबको मिलकर पर्यावरण परिवर्तन करने के लिए उपभोक्ता वादी संस्कृति से बचना होगा।
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