कार्तिक अमावश्या को सूर्य ग्रहण, दीपावली पूजन पर नहीं कर पायेगा कोई असर



6 माह में किसी राज्य की सरकार गिर सकती हैं

सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण  हर वर्ष करीब करीब होते ही हैं किसी के लिए अच्छे तो किन्ही के लिए खराब भी हो सकते है पर जिन नक्षत्र या राशि मे होते है उनके लिए कष्ट कारी होते है

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार कार्तिक कृष्ण अमावश्या 25 अक्टूबर मंगलवार को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण पूर्वी भारत के अलावा संपूर्ण भारत में दिखाई देगा।

इस ग्रहण का दीपावली पूजन मुहूर्त पर कोई भी असर नहीं होगा। 

क्योकि सूर्य ग्रहण अमावश्या के अंत  में होता हैं। और इस दिन सूर्य व चन्द्रमा एक ही  राशि तुला में  अपनी अपनी कक्षा में परिभ्रमण करते हुए पृथ्वी,चन्द्रमा,सूर्य एक सीध में  होंगे तब चन्द्रमा जितने समय तक जिस क्षेत्र में सीध में रहते हुए सूर्य को ढक लेगा उतने समय सूर्य की किरणें पृथ्वी पर आने में अवरुद्ध होंगी वहा पर उतने समय ग्रहण काल होगा।

*किन पर क्या होगा इस सूर्य ग्रहण का असर*:- दीपावली पूजन पर असर- इस वार ग्रहण कार्तिक अमावश्या के दिन है इस दिन दीपावली पूजन होता है पर इससे पूजन मुहूर्त प्रभावित नहीं होगा नहीं सूतक का मुहूर्त पर कोई असर होगा जैन ज्योतिषाचार्य ने कारण बताते हुए कहा कि दीपावली पूजन इस वार 24 अक्टूबर सोमवार को ही हो जाएगा क्योंकि 24 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी शाम को 05:27 पर समाप्त हो जाएगी इसी समय अमावश्या प्रारम्भ हो जाएगी अतः लक्ष्मी पूजन 24 अक्टूबर सोमवार को ही अमावश्या युक्त प्रदोष काल मे शाम को 05:27 बजे से 08:10 बजे तक प्रदोष काल और स्थिर बृषभ लग्न में है।

निशिथकाल रात्रि 11:45 से 12:37 बजे तक है।

स्थिर सिंह लग्न मध्य रात्री बाद  01:30 बजे से 03:45 बजे तक है।

जबकि खण्डग्रास सूर्य ग्रहण का सूतक 24/25 अक्टूबर की रात्रि तड़के 04:31 बजे से लगेगा। जो 25 अक्टूबर ग्रहण समाप्ति काल तक रहेगा।

*राज्य सरकारो पर असर*:- इस ग्रहण के दिन सूर्य का शनि के साथ सम सप्तक योग और चतुर्ग्रही योग साथ ही राहू ,केतू से दृष्टित होने से किसी राज्य की सरकार 06 माह के भीतर ही गिर सकती है।भारतीय संसद-विधानसभाओं मैं उग्र राजनैतिक विरोध होगा। पश्चिमोत्तर सीमावर्ती क्षेत्रो में अशांति भय बढ़ेगा।

*व्यापारिक वस्तुओं पर ग्रहण का असर* :- गेंहू,रुई,सूत, कपड़ा,चांदी,घी,शकर,गुड़,

खांड में तेजी आसकती है। कही कही वर्षा से फसलों को हानि सम्भव है। साधू ,सन्यासियों की पीड़ा, पूर्वीमालवा,मारवाड़ समुन्द्र तटीय क्षेत्रों में चक्रवात से हानि हो सकती है।

*कहा कहा दिखेगा ग्रहण*:-  यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण पूर्वी भारत के अलावा सम्पूर्ण भारत में दिखाई देगा।

भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम,त्रिपुरा, असम-मेघालय के अधिकांस भाग में ग्रहण स्पर्श से पूर्व  ही सूर्यास्त होने के कारण ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

भारत के अलावा यह ग्रहण पृथ्वी के यूरोप,दक्षिण-पश्चिम एशिया,उत्तर-पूर्व अफ्रीका, अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।

*ग्रहण का सूतक*:- 25 अक्टूबर को रात्रि तड़के 04:31 बजे से लग जायेगा।

इस ग्रहण का स्पर्श,मध्य व मोक्ष अलग अलग शहरों में अलग अलग समय अनुसार होगा।

ग्वालियर में - स्पर्श 16:36 बजे पर मध्य 17:34 बजे मोक्ष 18:28 बजे पर, दिल्ली में - स्पर्श 16:29 बजे पर, मध्य 17:30 बजे पर मोक्ष 18:26 बजे पर। उज्जैन में -स्पर्श 16:41 बजे पर मध्य 17:48 बजे पर मोक्ष 18:30 बजे पर। भोपाल में:- स्पर्श 16:42 बजे पर मध्य 17:38 बजे पर मोक्ष 18:29 बजे पर।

ग्रहण का ग्रास मान 49 प्रतिशत रहेगा।

*राशिओ पर असर*:- यह ग्रहण बृषभ, सिंह,धनु,मकर बालो को शुभ, लाभ देगा। मेष,मिथुन,कन्या,कुंभ को सामान्य,कर्क,तुला,बृश्चिक,मीन राशि बालो को अशुभ फल करेगा।

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