चाहे ग्रह तारो को मानने बाले कम हो फिर भी सामाजिक व्यवस्था ,व्यवहारिक जीवन विना ग्रह,मुहूर्तो के सही चाल नही चलने पर रुक जाता हैं और उसके असर आम जन जीवन को लेकर व्यापार तक को प्रभावित करते हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि शुक्र तारा 30 सितम्बर को पूर्व दिशा में अस्त हो गया था जो 23 नवम्बर को पश्चिम दिशा में उदय हो जाएगा।
जैन ने कहा शुक्र के अस्त होने से देव ठान एकादशी पर और उसके बाद भी विवाह,ग्रह प्रवेश,देव प्रतिष्ठा आदि के शुभ मुहूर्त पंचांगों में नहीं मिले।
कहा जाता हैं कि शुक्र ग्रह का उदय रहना ओर बल बान रहना व्यक्ति के जीवन को भौतिक सुख ,स्त्री सुख,एवं वैभव युक्त जीवन सम्पन्न बनाता है और उसकी निर्बलता व्यक्ति के जीवन में उपरोक्त की कमी रखती है।
इसीलिये विवाह,ग्रह प्रवेश आदि में शुक्र तारा अस्त समय शुभ मुहूर्त पंचांग में नहीं होते।
शुक्र अस्त के तीन दिनों बाद ही और जब विवाह,ग्रह प्रवेश,देव प्रतिष्ठा के उपयुक्त नक्षत्र होते हैं तो फिर उन के शुभ मुहूर्त होते हैं।
23 नवम्बर को शुक्र तारा उदय के बाद भी इस बार निर्णय सागर,शिव शक्तिपंचांगों में शुभ विवाह का पहला मुहूर्त 02 दिसम्बर को ही है।
राजधानी दिल्ली,जैनी जियालाल हरियाणा आदि कुछ में 28 नवम्बर को भी चातुर्मास काल और शुक्र के उदय के बाद पहला शुभ विवाह मुहूर्त है।
*विवाह मुहूर्त कब कब*
दिसम्बर 22:- 02,08,09,14
जनवरी 23 :-25,26
फरवरी23:- 06,09,10,1516,22
मार्च 23:- 08,09
मई 23 :- 0102,03,10,11,20,21,29,30,
जून 23:- 05,06,07,11,12,22,23,
निर्णय सागर एवं शिव शक्ति पंचांग अनुसार उपरोक्त शुभ विवाह मुहूर्त पूरे सीजन के है।
जैन ने कहा शुक्र ग्रह के बृश्चिक राशि मे पश्चिम दिशा में उदय से अन्न महंगे हो सकते हैं वर्फ वारी वर्षा भी कही कही होगी कड़ाके की ठंड पड़ेगी।
चाँदी, रुई,कपास,शेयर्स में पहले 8 दिनों तक मंदी बाद में तेजी बन सकती हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन
मो 9425487186
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