किस दिशा में होना चाहिए घर में पूजा घर - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन

 


लगभग हर  परिवार के घर में देवी-देवताओं का अलग स्थान होता है, कुछ लोगों के घरों में छोटे मंदिर होते हैं तो कुछ लोग भगवान के लिए अलग कमरा बनवाते हैं। शास्त्रों के अनुसार घर में देवी- देवताओं का स्थान होने से परिवार पर भगवान की विशेष कृपा बनी रहती है। घर के मंदिर में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो चमत्कारी फल प्राप्त होते हैं। परिवार के सभी सदस्यों को हर काम में कामयाबी मिलती है और पैसों की कोई समस्या जीवन में नहीं रहती है।
  भगवान की भक्ति सभी सुखों को देने वाली और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। इसी वजह से सभी के घरों में भगवान के मंदिर अनिवार्य रूप से बनाए जाते हैं।
वास्तु के अनुसार भी घर में देवस्थान काफी जरूरी बताया गया है। इससे घर-परिवार में हमेशा ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और सभी सदस्य सदैव खुश रहते हैं। वास्तु के अनुसार मंदिर के महत्व को देखते हुए जरूरी बातें बताई गई हैं, जिनका ध्यान रखने पर परिवार के सौभाग्य की वृद्धि होती है-
1- हमेशा ध्यान रखें कि शौचालय तथा पूजा घर पास-पास नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर मंदिर की पवित्रता भंग हो जाती है।
2- घर में जहां भी पूजा स्थल हो वहां कुछ हिस्सा खाली होना चाहिए। छोटी सी जगह में मंदिर नहीं बनवाना चाहिए। मंदिर के आसपास कम से कम इतनी जगह अवश्य रखें जहां आसानी से बैठा जा सके।
3-घर में पूजा स्थल होना शुभता का परिचायक है इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर की पवित्रता भी बनी रहती है मंदिर में नियमित रूप से अगरबत्ती, दीपक जलाने से वातावरण सुगंधित और सूक्ष्म कीटाणुओं से रहित रहता है। कीटाणु घर में प्रवेश नहीं करते हैं और सदस्य हमेशा स्वस्थ रहते हैं। चिकित्सा संबंधी कार्यों में धन का व्यय नहीं होता है।
3- पूजा स्थल पूर्वी या उत्तरी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में होना चाहिए चूंकि ईश्वरीय शक्ति ईशान कोण से प्रवेश कर नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) से बाहर निकलती है। इसका एक हिस्सा शरीर द्वारा ग्राह्य बायोशक्ति में बदलकर जीवनोपयोगी बनता है।
4- पूजा करते समय यदि मुंह पूर्व में हो तो उत्तम फल की प्राप्ति होती है। पूजा करने वाले का मुंह पश्चिम में हो तो अति शुभ रहता है इसके लिए पूजा स्थल का द्वार पूर्व की ओर होना चाहिए।
5- पूजा स्थल के नीचे कोई भी अग्नि संबंधी वस्तु जैसे इन्वर्टर या विद्युत मोटर नहीं होना चाहिए। इस स्थान का उपयोग पूजन सामग्री, धार्मिक पुस्तकें, शुभ वस्तुएं रखने में किया जाना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ग्वालियर मो.9425187186 

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