ग्वालियर : आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के धार्मिक प्रभाग द्वारा प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेवाकेंद्र पर “श्रेष्ट कर्म खुशियों का आधार” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया|
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप से कर्नाटक (सिरसी) से पधारी श्रीमद् भगवतगीता विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी, स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी, मुख्य रूप से शामिल हुए अनिल साँखला (पार्षद वार्ड 50), डॉ. कमल गुप्ता, बी.के. प्रहलाद भाई उपस्थित रहे |
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ ततपश्चात बी.के. आदर्श दीदी ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी जी ने सभी संबोधित करते हुए कहा कि श्रेष्ठ कर्म जीवन में ख़ुशी का आधार है | जितना हम अपने जीवन को श्रेष्ठ कर्मों से सुसज्जित करेंगे उतना हमारा जीवन खुशहाल बनता जायेगा।
वर्तमान समय की बात की जाए तो आज हम सभी सदैव खुश रहना चाहते हैं परंतु खुश नहीं रह पाते क्योंकि हम सभी के जीवन में दुख अशांति और क्रोध जैसी चीजें आ गईं है। यदि हम थोड़ा सा समय निकालकर अपने को दिव्यगुणों और शक्तियों से सुसज्जित करेंगे तो हम स्वतः खुश रहने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज बच्चों को स्थूल शिक्षा के साथ साथ व्यवहारिक ज्ञान, नैतिक ज्ञान देना भी आवश्यक है। घर का वातावरण अच्छा बनाकर रखना है तो कुछ बातों पर सबको ध्यान देने की आवश्यकता है।
जैसे - जैसे घर मे भोजन बनाते समय और खाते समय टेली विजन नहीं देखना चाहिए, बच्चों के सामने लड़ाई झगड़े की बाते नकारात्मक बातो से बचना चाहिए, बच्चो के अधिक से अधिक से समय व्यतीत करना चाहिए, उनकी जिज्ञासाओं का समाधान प्यार से करना चाहिए, बच्चो से गलती होने पर उन्हें प्यार से ही समझाना चाहिए जिससे उनका मनोवल डाउन न हों, जैसा कर्म हम करेंगे हमें देखकर और करेंगे यह स्लोगन स्मृति में रख कर्म करना चाहिए।
यह सब बातें यदि हम ध्यान रखेंगे तो निश्चित तौर पर अपने घर के वातावरण को सुंदर बना पाएंगे। और कहा कि श्रेष्ठ कर्म हमेशा करते रहना चाहिए क्योंकि श्रेष्ठ कर्म ही खुशियों का आधार है।
कार्यक्रम में उपस्थित पार्षद अनिल साँखला और डॉ. कमल गुप्ता ने भी अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।
मालनपुर केंद्र से आई बी.के. ज्योति दीदी ने सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया।
कार्यक्रम के अंत मे बी.के. प्रह्लाद ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में 400 से भी अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें