बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले नगर ओरछा में तीन दिवसीय श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव का हुआ शुभारंभ

ओरछा में रामराजा सरकार बनेंगे दूल्हा, जानकी मंदिर में होंगी रस्में

टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार



अयोध्या, मिथला की तरह बुंदेलखंड की अयोध्या यानी मप्र के निवाड़ी जिले के ओरछा में भी भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह महोत्सव की धूम है। ओरछा में तीन दिन का विवाह महोत्सव मनाया जा रहा है। मार्गशीष शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी सोमवार 28 नवम्बर को भगवान का विवाह होगा।

तीन दिवसीय श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव का आज से शुभारंभ हो गया है। श्रीरामराजा सरकार के विवाह के लिए आज मंडप की रस्म के साथ ही यह आयोजन शुरू हुआ। सुबह से भगवान की आरती के बाद मंडप की रस्म शुरू की गई। निवाड़ी कलेक्टर श्री तरूण भटनागर ने मंडप का पूजन किया। इसके साथ ही नगर भोज का आयोजन किया गया। सोमवार 28 नवम्बर को रामराजा सरकार दूल्हा बनेंगे। नगर में बारात निकाली जाएगी। इसके बाद भगवान जानकी मंदिर पहुंचकर सीता माता से विवाह करेंगे। विवाह समारोह में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

गलियों में गूंज रहे बुंदेली गीत

ओरछा में भगवान श्रीराम का विवाह महोत्सव हर वर्ष तीन दिन तक धूमधाम और राजसी परंपरा के साथ बुंदेली संस्कृति में मनाया जाता है। तेल की रस्म होने के बाद से मिथला यानी ओरछा के जानकी मंदिर में बुंदेली वैवाहिक गीत और गारी गूंज रही हैं।

खजूर का मुकुट पहनेंगे भगवान

राजसी अंदाज में होने वाले कार्यक्रम और रामराजा की बारात की शोभायात्रा अनूठी होगी। आधुनिक सुविधाओं के बीच भी बुंदेली स्वरूप व परम्परा जीवंत दिखेगी। बारात में दूल्हे के रूप में रामराजा सरकार की प्रतिमा को पालकी में विराजित किया जाएगा। भगवान के सिर पर सोने का मुकुट नहीं, बल्कि आम बुंदेली दूल्हों की तरह खजूर की पत्तियों से बना मुकुट पहनाया जाएगा। पालकी के एक ओर छत्र और दूसरी ओर चंवर रहेगा। इसे देखकर बुंदेली वैभव की याद ताजा हो जाती है।

धार्मिक कीर्तन मंडली रामधुन भी साथ रहेगी

बारात के मंदिर से निकलते ही सशस्त्र पुलिस बल की ओर से दूल्हा बने राजाराम सरकार को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी के साथ पालकी में विराजमान होकर नगर के लोगों को दर्शन देते हुए नगर के मुख्य चौराहे पर स्थित जनक भवन मंदिर के लिए निकलेंगे। लाइटों से जगमगाए ओरछा के रास्तों के बीच परंपरा अनुसार पालकी के आगे एक व्यक्ति मशाल लेकर चलेगा। बारात में राजसी प्रतीक चिन्ह पंखा, तिकोना, छड़ी, मशाल आदि सरकार की पालकी के साथ चलेंगे। बारात में धर्मध्वज, बैंडबाजे, विद्युत सजावट के साथ धार्मिक कीर्तन मंडली रामधुन भी साथ रहेगी।

जानकी मंदिर में होंगी विवाह की रस्में

नगर में भ्रमण के बाद बारात रामराजा सरकार की ससुराल विशम्भर मंदिर (जानकी मंदिर) पहुंचेगी। पुजारी राजा जनक के रूप में सरकार का टीका कर बारात की अगवानी करेंगे। बारातियों के स्वागत के साथ द्वारचार की रस्म होगी। इसके बाद वैदिक रीती अनुसार विवाह की सभी रस्में होंगी। मुख्य यजमान के रूप में निवाड़ी कलेक्टर तरूण भटनागर मौजूद रहेंगे। भगवान माता जानकी का वरण कर वापस मुख्य मंदिर में पहुंचेंगे। स्वागत-सत्कार के लिए झांसी, कानपुर और सागर से करीब चार क्विंटल फूल मंगाए गए हैं। पूरे बारात मार्ग पर आकर्षक लाइटें लगाई गई हैं।



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