मूलभूत सुविधाएं पाने आंसू बहाता मुहारा गांव

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार

जतारा - भारत देश भले ही आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाते हुए अमृत महोत्सव मना रहा हो किंतु मध्यप्रदेश में शिवराज के राज में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है, जिससे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। आजाद भारत की कई सरकारें आईं और गईं लेकिन आज भी मुहारा ग्राम पंचायत जैसे कई ग्राम अपनी विकास की बाट जो रहे हैं फिर भी ग्रामों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। जी हां हम बात कर रहे हैं जनपद पंचायत जतारा के महज 10:00 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम मुहारा की जहां आज भी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद भी लोगों को सरकारों ने आने जाने के लिए सड़कें नहीं बनवा पाई जबकि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की जितनी भी सड़कें हैं उन्हें रिनुअल कर पैसा भी आवंटित कर दिया है किंतु ठेकेदारों की मनमानी और अधिकारियों की सांठगांठ के चलते आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायत मुहारा आंसू बहा रही है।

                मध्य प्रदेश सरकार भले ही सड़कों को लेकर लाख दावे करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है जैसा कि हम आपको बता दें कि टीकमगढ़ जिले के तहसील जतारा के अंतर्गत ग्राम पंचायत मुहारा के कुछ ग्राम ऐसे हैं की जिसमें ना तो सड़क की कोई व्यवस्था है और बच्चों को स्कूल जाने में घुटनों तक कीचड़ के दलदल में धंसते हुए निकलना पड़ता है जोकि मुहारा से करीब करीब 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम बेलवाई का खिरक है, जिसमें आज भी जाने से रूह कांप जाती है इसी प्रकार रेवडा का खिरक का भी यही हाल है ग्राम के लोगों ने बताया कि अगर कोई आदमी बीमार हो जाता है तो उसको कंधो पर लेकर जाना पड़ता है और ना ही इस ओर शासन का कोई ध्यान है और ना ही प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान दिया जाता है । चुनाव आने पर बड़े नेता एवं गांव के छोटे भैया नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन चुनाव हो जाने के बाद गहरी निद्रा में खो जाते हैं।

           ग्रामीणों का कहना है कि कई बार सड़क को लेकर शिकायतें भी की है लेकिन कागजों में खानापूर्ति कर दी जाती है और शिकायतें बंद कर दी जाती हैं ना तो कोई अधिकारी जांच करने आता है और ना कोई नेता साथ देने को तैयार है।

         ऐसी भयावह स्थिति में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है की तुरंत हमें आने जाने के लिए सड़क निर्माण की योजना बनाकर सड़क बनवाई जाए अन्यथा की स्थिति में ग्रामीण धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन और शासन की होगी।



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