केवल तीन दिन पिता पुत्र साथ में रहेंगे पुत्र छोड़ेगा पिता का साथ
मकर संक्रांति त्यौहार का इंतजार सभी घरों में रहता है।जैसे राखी,दीपावली पर बहिन बेटियो को इंतजार रहता है वैसे ही मकर संक्रांति का रहता है कि अपने पिता के घर जा कर मगोडे बना खाकर सभी मकर संक्रांति पर्व का आनंद लेंगे।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि सूर्य पिता अपने पुत्र शनि के घर 14 जनवरी को रात 08:43 बजे पहुंचेगा अर्थात धनु राशि से मकर राशि में संक्रमण करेगा।इसके मकर राशि में प्रवेश करने को ही मकर संक्रांति कहते हैं। यू तो सूर्य हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है और 12 महीने में 12 राशियों में प्रवेश कर लेता है। लेकिन मकर और कर्क राशि में प्रवेश का बड़ा ही महत्व है। जिसमे मकर राशि का व्यवहार में ज्यादा है। क्योंकि व्यवहारिक रूप से इस समय से दिन बड़े होने लगते हैं और सूर्य उत्तरायण होकर 6 माह तक रहते हैं यह दिन देवताओं के माने जाते हैं। इन 6 महीनो में विवाह,देव प्रतिष्ठा, ग्रह प्रवेश आदि अनेक शुभ कार्य मुहूर्त अनुसार सम्पन्न होते हैं।
जैन ने कहा सूर्य इस बार अपने पुत्र शनि के घर पहुंच रहा है लेकिन सूर्य और शनि का साथ केवल तीन दिन ही रह पायेगा 14 जनवरी से 17 जनवरी तक 17 जनवरी को शनि अपने पिता का साथ इस बार छोड़कर अपने दूसरे घर में यानी अपनी ही कुंभ राशि में शाम को ठीक 06:00 बजे प्रवेश कर जाएगा।
जन्म कुंडली में भी सूर्य शनि साथ रहते हैं तो व्यवहारिक रूप में पिता पुत्र की बनती नहीं है या फिर एक दूसरे को कष्ट रहता है एक दूसरे की हानि होती हैं। इसलिए en दोनो ग्रहों की युति, आपस में दृष्टि अच्छी नहीं है देश दुनियां के लिए भी अच्छे परिणाम नहीं निकलते है।
मकर संक्रांति पर्व त्यौहार कब मनाया
इस बार 14 जनवरी को रात्रि 08:43 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश यानी संक्रमण करने से इसका पुण्य काल 14 जनवरी को दोपहर 12 बाद शुरु होगा जो अगले दिन यानी 15 जनवरी को 12 बजे से पूर्व तक रहेगा।
जैन ने कहा माघ मास कृष्ण पक्ष सप्तमी उपरांत अष्टमी तिथि ,शनिवार, को वार नाम राक्षसी में मकर संक्रांति से आदिवासी, दलित वर्ग के लिए संक्रांति पर्व सुखद और शुभ रहेगा।
नक्षत्र नाम मंदाकिनी से राजनेता शासकीय सेवारत अधिकारी वर्ग के लिए भी शुभ रहेगी। रात्रि प्रथम पहर में आने से सुरक्षा बल के लिए कष्ट रहेगा। इसका उत्तर दिशा गमन ईशान में दृष्टि रहने से व्याघ्र वाहन पीत वस्त्र से बैठी अवस्था 30 मुहूर्ती होने से गेंहू, जौ, चना कपास, रुई, सूत,विनोला में अच्छी घट बढ़ रहेगी। बाजरा, ज्वार, मक्का, लाल मिर्ची,मजीठा, लाल चंदन, रेशम में अच्छी तेजी बनेगी।
मौसम खराब रहेगा सीत लहर का प्रकोप एक बार 30 जनवरी तक पुनः देखने मिलेगा कही कही वर्षा, ओला वृष्टि भी संभव है इससे कड़ाके की सर्दी जन जीवन को प्रभावित कर सकती है।
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