पंचक की मान्यता समाज में व्यवहार में प्रचलित है। इस में कुछ कार्य करना निषेध है तो कुछ कार्यों में यह शुभ है।ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन कहते हैं कि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा कुंभ से मीन राशि में रहता है उस समय धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद , रेवती नक्षत्र तक पंचक का निर्माण होता है। इन नक्षत्रों में चन्द्रमा हर माह भ्रमण करने से पंचक भी हर माह आती ही है।
इस बार 23 जनवरी को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के आधे समय बाद से कुंभ राशि में शुरू होने से पंचक प्रारंभ हुईं ऐसे में 23 जनवरी दिन सोमवार को पंचक लगने से यह पंचक राज पंचक है।
*राज पंचक में ऐसे कार्य होते हैं शुभ*
राज पंचक में धन और संपत्ति से जुड़े कार्यों को करने में सफलता प्राप्त होती है।इसके अलावा राज पंचक में राजकाज यानि सरकारी कार्यों को करना भी सफल और शुभ होता है। इसलिए राज पंचक को अशुभ नहीं माना जाता है। राज पंचक को राज सुख प्रदान करने वाला माना जाता है।
*पंचक में क्या न करें*
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनिष्ठा नक्षत्र में पंचक लगा है तो आग से खतरे की आशंका रहती है। इसलिए इस दौरान आग से सावधनी बरतें।
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा वर्जित है।
इस दौरान चारपाई या पलंग का निर्माण न करें।
पंचक में शव नहीं जलाना चाहिए हालांकि शास्त्रों में इसका तोड़ बताया गया है इसके तोड़ को अपना कर शव दाह संस्कार करने की प्रथा है।
पंचक काल में घर की काष्ठ की छत नहीं डलवानी चाहिए।ना ही घर में कष्ट, कंडे एकत्रित करना चाहिए।
पंचक जिस नक्षत्र में लगता है, उसके अनुसार ही इसका फल मिलता है।
ऐसे में इस बार धनिष्ठा नक्षत्र में आग का भय है।
*अन्य नक्षत्रों में इसका फल* शतभिषा नक्षत्र में कलह, पूर्वाभाद्रपद में रोग, उत्तराभाद्रपद में आर्थिक दंड और रेवती नक्षत्र में धन हानि की आशंका रहती है, लेकिन कुछ काम कर लिया जाए तो धन-धान्य से घर भर जाएगा। कौन-सा कार्य करना माना जाता है शुभ
इस बार पंचक 23 जनवरी, सोमवार को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होगा।इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र में चंद्रमा कुंभ राशि में होंगे.
24 जनवरी मंगलवार को पूरे दिन पंचक रहेगा।
25 जनवरी बुधवार को पूरे दिन पंचक रहेगा। इस दिन भद्रा भी 12:34 तक है।
26 जनवरी गुरुवार को पूरे दिन पंचक रहेगा।
27 जनवरी शुक्रवार को शाम 06:37 बजे पंचक समाप्त होगा।
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