कहते हैं पुष्य नक्षत्र सभी 27 नक्षत्रों में बलवान होता है।
जैसे जंगल में सभी जानवरों में सिंह बलवान होकर जंगल का राजा होता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी नक्षत्रों का राजा पुष्य नक्षत्र ही है।यह नक्षत्र सभी प्रकार के दोषों को दूर करता है।चाहे उस दिन चंद्रमा व अन्य दशा भी अशुभ क्यों न हो पर पुष्य नक्षत्र हो तो चन्द्रमा के बल को भी मुहूर्त में देखने की आवश्यकता नहीं है।
सभी का कार्य में रविपुष्य नक्षत्र श्रेष्ठ है तंत्र मंत्र की सिद्धि करने तथा जड़ी बूटी ग्रहण करने में भी परंतु विवाह में इसे त्याज्य करना चाहिए।
*आगे कब कब आयेगा यह नक्षत्र* 08 जनवरी पूरे दिन रात।
05 फरवरी सूर्योदय से 12:12बजे तक।
10 सितंबर को शाम 05:05 बजे से पूरे रात ।
08 अक्टूबर को सूर्योदय से रात 02:44 बजे तक।
05 नवंबर को सूर्योदय से प्रातः 10:28 बजे तक।
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