भारत पर्व : मेले में गूँजे देशभक्ति के तराने और लोकधारा भी बही

भारतीय गरिमा के शीर्ष उत्सव की सांध्य बेला में मना “भारत पर्व”



ग्वालियर 27 जनवरी / भारतीय गरिमा के शीर्ष उत्सव गणतंत्र दिवस की सांध्य बेला में महाराज बाड़े पर आजादी के तराने गूँजे तो लोक रंग से सम्पूर्ण परिसर सराबोर हो गया। यहाँ बात हो रही है “भारत पर्व” की। गणतंत्र दिवस की सांध्य बेला में “भारत पर्व” के तहत ग्वालियर व्यापार मेला स्थित फैसिलिटेशन सेंटर प्रांगण में रंगारंग  सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। भारत पर्व में भोपाल से आए विरासत ग्रुप के संचालक श्री राजीव सिंह एवं उनके साथी कलाकारों ने देशभक्तिपूर्ण, सूफियाना व कबीर शैली के तराने और विदिशा से श्री हरीसिंह केवट के नेतृत्व में आए 8 लोक कलाकारों ने “ढिमरियाई” की प्रस्तुति दी। 


इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री एच बी शर्मा, एसडीएम श्री विनोद सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्री यूनुस कुर्रेशी, उपायुक्त नगर निगम श्री अमर सत्य गुप्ता , मेला सचिव श्री निरंजन श्रीवास्तव व तहसीलदार श्री कुलदीप दुबे सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। भारत पर्व का आयोजन राज्य शासन के संस्कृति विभाग के स्वराज संचालनालय के तत्वावधान में जिला प्रशासन, जनसंपर्क विभाग एवं नगर निगम के सहयोग से किया गया। 

भोपाल से आए विरासत ग्रुप के कलाकारों ने जन मानस में देशभक्ति का जज्बा भरने का माध्यम बने नगमे पेश किए। साथ ही कबीर का प्रसिद्ध भजन “मन लागो मेरो यार फकीरी में” तथा सूफियाना कलाम “दमादम मस्त कलन्दर” और अमीर खुसरो की प्रसिद्ध रचना “छाप तिलक सब छीनी रे” इत्यादि प्रस्तुत कर समा बांध दिया। 

“ढिमरियाई” लोक गायन से सराबोर हुआ मेला  

विदिशा से आए लोक कलाकारों ने जब “मोरी नैया में बैठे भगवान, गंगा मैया धीरे बहो” प्रस्तुत किया तो सम्पूर्ण प्रांगण लोक गायकी से भक्तिमय हो गया। हरीसिंह केवट एवं उनके साथियों ने इसके अलावा अन्य लोकगीतों में पिरोकर ढिमरियाई लोकनृत्य प्रस्तुत कर रसिकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 


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