300 सो से अधिक साधु-संतों के पावन सानिध्य में जैन सम्मानित


कहते हैं ज्ञान का प्रकाश हर कोने में प्रकाशित करता है ।

श्री विरागोदय तीर्थ पथरिया, जिला दमोह मध्यप्रदेश में प.पूज्य गणाचार्य आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज जी के सानिध्य में 01 फरवरी से 15 फरवरी 2023 तक चल रहे श्री मज्जिनन्दर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव तृतीय युग सम्मेलन एवं महामस्तकाभिषेक में 300 सो के करीब साधू-संत  की उपस्थिति में चल रहे आयोजन में अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्यो का 06वां अंतरार्ष्ट्रीय अधिवेशन में ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन को ज्योतिष पर अपना शोधपत्र पढ़ने का मौका मिला श्री जैन ने ज्योतिष की उपयोगिता को हजारों  जैन एवं जैनेन्त्तर बंधुओ को समझाते हुए कहा कि पापी ग्रहों की महादशा अन्तर दशायें आने पर व्यक्ति के जीवन मे अवरोध आते हैं उन ग्रहों के अवरोधों को उनकी प्रकृति को समझना ही ज्योतिष विद्या है और उन्हें कैसे सरल तरीके से किन उपायों को प्रयोग कराकर  दूर किया जाए यह एक अच्छे ज्योतिषी का  कार्य है।

ग्रह की वाधाए ऐसे ही है जैसे नाली में पानी वहता है उस मे कोई पत्थर आकर कचड़े के साथ पानी के वहाव को रोकता है कम करता है। ऐसे ही जीवन मे अशुभ ग्रहों का भ्रमण मनुष्य के जीवन की उन्नति को रोकते हैं। अगर नाली के पत्थर को हटा दिया जाए तो फिर से पानी अपने प्रवाह से पूर्व की तरह वहने लगेगा। दूसरे उदाहरण देते हुए जैन ने कहा कि किसी गाड़ी की हेड लाइट उस गाड़ी को अंधेरी रात्रि में भी 20 -20 फिट की दूरी तक रोड को दिखाकर गाड़ी चालक सवारी सहित अपने गतव्य स्थान तक सकुशल पहुँचा देती है। ऐसे ही ज्योतिष उपाय कारगर है वह व्यक्ति की प्रबल पीड़ा को शांत कर उसे आगे उन्नति की तरफ बढ़ने देते हैं। जैन ने कहा कि यद्यपि वो गाड़ी की हेड लाइट सूर्य नहीं हो सकती ,वर्षात में छाता का उपयोग सम्पूर्ण स्थान की वर्षा के पानी को रोक नहीं सकता लेकिन उस एक व्यक्ति को भीगने से बचा सकता है जिसने उसका उपयोग किया है ऐसे ही   ज्योतिष उपाय आप के प्रबल प्रारब्ध या घटनाओ को पूरा तुरन्त बदल  नहीं सकते या आप के पक्ष में तुरन्त नहीं कर सकते लेकिन उस नाली के पत्थर या गाड़ी की हेड लाइट या छाते की तरह प्रबल मुशीबतों से धीरे धीरे बचाकर उधेश्य को पूरा करा सकते हैं।

इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य की स्पीच सुनकर बीच बीच मे तालियों की गड गड़ाहट सुनाई देती रही। भरी सभा मे ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन का तिलक लगाकर,माल्यार्पण  कर दुपटटा,शाल,स्मृति चिन्ह भेंट कर भव्य सम्मान विरागोदय तीर्थ क्षेत्र कमेटी ने किया ।

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