फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होली दहन होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि होली से आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते है। इस समय में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों जैसे विवाह,ग्रह प्रवेश,मुंडन, उपनयन संस्कार पर रोक लग जाती है और होलिका दहन के बाद फिर से यह कार्य शुरू हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि होलाष्टक की अवधि में ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है, जिस कारण से इनके दुष्प्रभाव का खतरा बढ़ जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष होलाष्टक आठ दिन की जगह नौ दिनों तक रहेगा।
होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होते है। इस वर्ष अष्टमी तिथि 27 फरवरी सोमवार को होगा और समापन 07 मार्च मंगलवार के दिन होगा। जबकि होलिका दहन इस बार 06 मार्च सोमवार को चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा में प्रदोष काल में होगा।
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