सफलता कभी प्रायोजित नहीं बल्कि आयोजित होती है- प्रो.अविनाश तिवारी

जेयू के गालव सभागार में दो दिवसीय बूटकेंप का हुआ शुभारंभ 



रविकांत दुबे

ग्वालियर। सफलता कभी प्रायोजित नहीं बल्कि आयोजित होती है। संघर्ष करना चाहिए भाग्य के भरोसे नहीं रहना चाहिए। मध्यप्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है एवं आर्थिक विकास में भी अग्रणी राज्यों की श्रेणी में है। राज्य शासन का यह प्रयास है कि नवाचार एवं उद्यमिता के माध्यम से प्रदेश के स्थानीय युवाओं को अधिकाधिक संख्या में रोज़गार सृजन किया जा सके।इस श्रृंखला में राज्य द्वारा स्टार्टअप की नीति लागू की गई एवं स्टार्टअप क्षेत्र की गतिशीलता को ध्यान में रखकर स्टार्टअप नीति को प्रभावी किया गया। नवाचार एवं स्टार्टअप की गतिशीलता, वैश्विक आर्थिक वातावरण में परिवर्तन के उद्देश्य से युवा वर्ग को मार्गदर्शन दिया जाए।यह बात जेयू के कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी ने जेयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय बूटकेंप में बतौर अतिथि कही।विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.रवि कुमार पटेल,कृष्णकांत चतुर्वेदी,कुलसचिव जीवाजी विश्वविद्यालय डॉ.आरके बघेल उपस्थित रहे।सभी अतिथियों के सामूहिक द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।तत्पश्चात छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना का गायन किया गया।इसके बाद डॉ.सुमन जैन ने स्वागत भाषण दिया।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कुलसचिव आरके बघेल ने कहा कि राज्य शासन की निवेश मित्र नीतियों उद्योग एवं व्यापारिक क्षेत्र में सरलीकरण की प्रक्रिया,आर्थिक एवं सामाजिक अधोसंरचना में उल्लेखनीय प्रयासों के फलस्वरूप विगत वर्षों में प्रदेश में निवेश वातावरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।डॉ.रवि कुमार पटेल ने कहा कि आज हमारे देश का युवा विकास की ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ है। लेकिन यह विकास यात्रा तभी संभव है जब इन प्रतिभावान, ऊर्जावान, शिक्षित युवा शक्ति को उचित मार्गदर्शन दिया जाए।आज हमारे छात्रों के मन में निश्चित रूप से यह जिज्ञासा रहती है कि प्रतिस्पर्धा के दौर में शिक्षा पूरी होने के बाद उनके लिए रोजगार और व्यवसाय के क्या अवसर उपलब्ध हैं। इसके लिए एआईसी प्रेस्टीज  इंस्टीट्यूट इंटरप्रिन्योरशिप एवं स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भारत सरकार के सहयोग से सेवाएं दे रहा है। इसका उद्देश्य देश के प्रतिभावान, शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।कार्यक्रम में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।तत्पश्चात कार्यक्रम में चर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों को स्टार्टअप के बारे में आधारभूत जानकारी दी गई।कार्यक्रम का संचालन हर्षिता घनघोरिया व शिवांशी शुक्ल ने किया।डॉ.सुनीषा कुलकर्णी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।इस अवसर पर डॉ.साधना श्रीवास्तव,प्रो.नलिनी श्रीवास्तव, डॉ.नवनीत गरूड़, डॉ.शांतिदेव सिसौदिया, डॉ.मुकुल तेलंग,डॉ.मनोज शर्मा, डॉ.रवि कुमार पटेल,कृष्णकांत चतुर्वेदी सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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