शास्त्र कहते है गुरु का शुभ रहना बहुत जरूरी है चाहे विवाह आदि शुभ कार्यों की बात हो या जीवन आनंद मय जीने की सभी में गुरु बलवान होना चाहिए यहा तक की जीवन का कोई भी कार्य सीखना हो तो भी गुरु के विना उसमे सिद्धता नहीं आती जिसमे कन्याओ के विवाह में तो गुरु तारा बलवान नहीं हो तो विवाह का शोधन ही निषेध है। जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि 14 मार्च से 14 अप्रैल तक पहले से ही सूर्य मीन राशि में चलने से विवाह आदि शुभ मुहूर्त इस बार नहीं है।09 मार्च से कोई शुद्ध विवाह मुहूर्त नहीं बना अब 31 मार्च के शाम 06:50 बजे गुरु तारा पश्चिम दिशा में मीन राशि में अस्त होगा जो 29 अप्रैल को सुबह 06:06 बजे पूर्व दिशा में उदय होगा।
इसके चलते अप्रैल माह में विवाह,नवीन ग्रह प्रवेश ,प्रतिष्ठा आदि शुभ कार्यों के कोई भी मुहूर्त नहीं है।
अगला विवाह मुहूर्त 02 मई को ही है।
*विवाह मुहूर्त:-* मई में 02,03,10,1116,21,27,29,30
जून माह में :- 03,05,06,07,11,12,22,23, को है।
जैन ने कहा आगे 29 जून से 23 नवंबर तक हरिशयन काल होने से विवाह आदि नहीं है।
अगला विवाह के मुहूर्त 27 नवंबर से फिर से शुरू होगे ।
जैन ने कहा गुरु अस्त से पहले 30 मार्च को शाम को बुध तारा पश्चिम में उदय होगा इससे कही कही वर्षा हवा वेग के साथ ओले से हानि का योग बनता है।
दूसरे ही दिन 31 मार्च को गुरु तारा ठीक उतने समय के आस पास अस्त होने और बुध,शुक्र, राहू ग्रह की युति मेष राशि में बन जाने से सोना,चांदी,गेहूं,चना,जौ, दालों में अच्छी तेजी बन सकती है।
सरसों,तेल,तिलहन में मंदी और स्थिरता बन सकती है।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ग्वालियर
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