आओ हम खुद को बदले जग बदलता जाएगा स्वयं को परिवर्तन करने से परिवर्तन जगत में आएगा" – ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी

अंतर्राष्टीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 25 आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का हुआ सम्मान


ग्वालियर :- होली मिलन समारोह एवं अंतर्राष्टीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के महिला प्रभाग द्वारा प्रभु उपहार भवन, माधौगंज केंद्र पर दो अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ | 

पहला कार्यक्रम वीरांगना महिला कल्याण संस्था से जुडी 25 आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का सम्मान हुआ| जिसमें आशा कार्यकर्ता में आशा सहयोगिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा माहवारी जागरूकता अभियान मिशन 2023 के अंतर्गत सराहनीय एवं उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओं को संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया | 


कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीमती शारदा गुर्जर, सुषमा बाजोरिया, सुदीप्ति कुशवाह, सुनीता बैस, हरेंद्र राजपूत, वीरांगना महिला कल्याण संस्था ग्वालियर समन्वयक श्री नरेंद्र कुमार पिप्पल (MSW) सहित 40 कार्यकर्ता एवं ब्रह्माकुमारीज से बी, के, आदर्श दीदी, बी.के. प्रह्लाद भाई उपस्थित रहे। 

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली के पावन अवसर पर शुभकामनाएं दीं | और कहा कि "आओ हम खुद को बदले जग बदलता जाएगा, स्वयं को परिवर्तन करने से परिवर्तन जगत में आएगा" | तत्पश्चात सभी महिलाओं को सम्मानित किया गया | 

         इसके बाद दूसरे कार्यक्रम में मुख्य रूप से रानी नरेश गुप्ता (वैश्य महिला इकाई महासम्मेलन संभागीय अध्यक्ष), मीना सचान (पूर्व पार्षद, पूर्व कार्य परिषद् सदस्य जीवाजी विश्व विद्यालय), एड्वोकेट रागिनी मिश्रा (ग्वालियर उच्च न्यायलय), कल्पना भदौरिया (प्रदेश अध्यक्ष महिला विंग), आशा सिंह (समाज सेवीका), ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर केंद्र प्रभारी बी.के.आदर्श दीदी जी, बी.के.जीतू,बी.के. पवन, बी.के. रोशनी, बी.के. सुरभि सहित संसथान से अन्य भाई बहने उपस्थित थे | 

कार्यक्रम के शुभारम्भ में बी. के. आदर्श दीदी ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदिकाल से ही नारी को उच्च, पूजनीय स्थान प्राप्त था इसलिए भगवान ने भी दुनिया के नवनिर्माण के कार्य में माताओं के ऊपर कलश रखा एवं सारी दुनिया को नया बनाने के निमित्त बनाया है | वास्तव में उस कलश के साथ ही नारी इस समाज का, इस संसार का उद्धार कर सकती है | इसकी शुरुवात हमें स्व परिवर्तन से करनी होगी | जीवन में सुख शांति का आधार परमात्मा की याद और आध्यात्मिकता है| यदि इस संसार को फिर से स्वर्ग बनाना है तो हमें अपने जीवन में श्रेष्ठ संस्कारों को धारण करना होगा| और हर एक व्यक्ति की विशेषताएं देखनी होगी क्योंकि जब हम दूसरों की विशेषताएं देखना शुरू करेंगे तो हम विशेष आत्मा बन जायेंगे | 

आगे मीना सचान ने सभी का धन्यवाद् किया और कहा की मैं आज स्वयं को बहुत ही सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूँ कि मुझे ब्रह्माकुमारीज़ संस्था में आने का अवसर मिला इसीके साथ उन्होंने बताया कि जब हम कभी निराश हो जाते हैं तो जो कार्य हम करना चाहते हैं उसे अच्छी रीती नहीं कर पाते लेकिन अगर हम सब कुछ ईश्वर पर छोड़ दें तो हमारे हर कार्य स्वत: ही बन जाते हैं | 

कार्यक्रम में कल्पना भदौरिया ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पहली बार यहाँ आई हूँ और मैं नियमित रूप से यहाँ आने की कोशिश करुँगी | यहाँ बहुत ही शांति का अनुभव हो रहा है |

रागिनी मिश्रा ने कहा कि मैं एक लॉयर हूँ और मैं इतने केसों से गुज़रती हूँ परन्तु आज यहाँ आकर मुझे आन्तरिक शांति का अनुभव हो रहा और ऐसा लग रहा की जैसे सारी समस्या समाप्त हो गयी | ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है| यहाँ आने से पहले मेरे मन में बहुत सारे प्रश्न थे वह सारे दूर हो गए हैं |

आगे रानी नरेश गुप्ता ने सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह संस्था विश्व कल्याण का कार्य बहुत ही सुन्दर रीती से कर रही है| मुझे ख़ुशी है कि मुझे ऐसी संस्था में आने का मौका मिला |

इस अवसर पर आशा सिंह ने भी अपनी शुभकामनाएं | 

कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के. जीतू के द्वारा किया गया |

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