श्री गंगादास की बडी शाला में धूमधाम से मनेगी श्री रामनाम अखंड संकीर्तन की वर्षगांठ

रविकांत दुबे 


ग्वालियर। सिद्ध पीठ श्री गंगादास की बडी शाला में इस वर्ष श्री रामनाम अखंड संकीर्तन की दूसरी वर्षगांठ , नवरात्र महोत्सव एवं श्री रामनवमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जायेगा।

उक्त जानकारी आज पत्रकारों को देते हुये श्री गंगादास की बडी शाला के महंत स्वामी रामसेवक दास महाराज ने बताया कि 2020 -21 में कोरोना महामारी से सारा जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था। धार्मिक , सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां ठप्प हो गई थीं । सिद्धपीठ श्री गंगादास की बडी शाला भी इससे अछूती नहीं रही। लोग कोरोना से डरे हुये थे। मठ मंदिरों में ताले डाल दिए थे। इसके बाद भी शाला में पूजा पाठ और अन्य गतिविधियां किसी तरह चलाई जाती रहीं।
अब चैत्र नवदुर्गा में नौ दिन शाला में अखंड रामनाम संकीर्तन की परंपरा रही है। शाला में कुछ दिव्यांग युवाओं को बुलाया गया। 13 अप्रैल 2021 को गुडी पढवा से अखंड संकीर्तन शुरू किया गया। पहले तो इसे नौ दिप ही करने का विचार था लेकिन बाद में उसकी अवधि बढती चली गई औश्र आज दो वर्ष इसके पूर्ण हो चुके हैं। पिछले वर्ष भी श्री रामनाम संकीर्तन की वर्षगांठ मनाई गई थी और इस वर्ष भी यह आयोजन धूमधाम से मनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दिव्यांग युवा उर्जावान है वह संगीत की शिक्षा लिये हुये हैं। और संगीतमयी रामधुन गाते हैं। शुरू में चार दिव्यांग आये और आज एक दर्जन की तादात में युवा दिव्यांग इसमें शामिल हैं। महंत रामसेवक दास महाराज ने बताया कि इन दिव्यांगों को आवास भोजन और रोजमर्रा के सामान की उपलब्धता प्रदान की जा रही है। इसी के साथ इन्हें मानदेय भी प्रदान किया जा रहा है। जो इनकी कालेज शिक्षा के काम में आ रहा है। महंत ने बताया कि इन दिव्यांगों में से छह की नौकरी रेलवे में लग गई है। जबकि एक संविदा शिक्षक के पद पर एवं एक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुये हैं। जबकि एक को निजी कंपनी में नौकरी लगी है।
महंत रामसेवक दास महाराज ने बताया कि इस बार नव संवत्सर व दुर्गा महोत्सव 22 मार्च को मनाया जाएगा। घट स्थापना के साथ मां दुर्गा का अभिषेक किया जाएगा। वहीं अखंड ज्योति भी प्रज्जवलित की जायेगी। नवसंवत्सर पंचाग पूजन किया जाएगा। नवरात्रि पर विशेष पूजन अनुष्ठान चलेंगे। जवारे भी बोये जाएंगे। अष्टमी पर हवन पूजन होगा। इस अवसर पर दिव्यांग साथी दुर्गा चालीसा दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे। हनुमान चालीसा का पाठ भी प्रतिदिन होगा। एक दिन माता का जागरण होगा। नवमी पर पर भगवान श्री राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। दोपहर 12 बजे भी भगवान श्री राम का अभिषेक होगा। भगवान श्री राम का प्राकटय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। सभी अनुष्ठान वैदिक रीति से होंगे।

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