अनिश्चितकालीन धरना जारी

 शासन प्रशासन में बैठे दलित आदिवासी विरोधी अधिकारी  भ्रष्टाचारियों को बचा रहे हैं व मंत्रीगंण, सांसद  के पत्रों पर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं - दलित आदिवासी महापंचायत



ग्वालियर 28 अप्रैल / कार्यालय कलेक्ट्रेट ग्वालियर पर दलित आदिवासी महापंचायत अनु जाति जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिषद दलित समाज परिषद  सहरिया विकास परिषद और भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ग्रामीण जिला ग्वालियर के तत्वधान में संयुक्त रूप से अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है आज प्रेस को जारी विज्ञप्ति में दलित आदिवासी महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष दारा सिंह कटारे प्रदेश उपाध्यक्ष महेश मदुरिया संभागीय अध्यक्ष गजेंद्र वगुलिया संभागीय महासचिव सीताराम खंडेले अनुसूचित जाति जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ मध्यप्रदेश के प्रांतीय प्रवक्ता जयंती लाल जाटव एडवोकेट दलित समाज परिषद के संभागीय अध्यक्ष डीएनए नार्वे भारतीय  जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा ग्रामीण जिला ग्वालियर के जिला अध्यक्ष प्रेम नारायण आदिवासी सहरिया विकास परिषद के जिला अध्यक्ष करतार सिंह बदरेठिया आज प्रेस को जारी संयुक्त विज्ञप्ति में बताया की वर्ष 2015-16 से तमाम मांगों को लेकर शासन प्रशासन व मुख्यमंत्री महोदय को उपरोक्त संगठनों के द्वारा पत्र लिखे गए लेकिन उन पर आज दिनांक तक किसी प्रकार की आदिम जाति कल्याण विभाग के दलित आदिवासी विरोधी प्रभारी सहायक आयुक्त और प्रभारी संभागीय उपायुक्त के विरुद्ध नहीं की गई है जबकि दोनों ही अधिकारी जांचों में दोषी है वर्ष 2019 में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जांच कराई गई थी जिसमें श्रीमती ऊषा पाठक तत्कालीन प्रभारी सहायक आयुक्त जिनका मूल पद जिला संयोजक है और वर्तमान में शासन आदेश अनुसार सहायक अनुसंधान अधिकारी के पद पर कार्यालय संभागीय उपायुक्त अनुसूचित जाति जनजाति कार्य विभाग संभाग चंबल मुरैना में पदस्थ है वर्तमान में दोनों संभाग का प्रभारी संभागीय उपायुक्त का प्रभार इन्हें दिया गया है जबकि जांच रिपोर्ट आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर को तत्कालीन कलेक्टर द्वारा भेजी गई थी जिसमें सभी बिंदुओं में दोषी है जांच रिपोर्ट के आधार पर श्रीमती पाठक को निलंबित कर संपूर्ण विभाग के उनके कार्यकाल की जांच दल गठित कर जांच कराने का प्रस्ताव भेजा गया था जो आज तक शासन और संभागीय कार्यालय और जिला कार्यालय की फाइलों में धूल खा रहा है इनके विरुद्ध कार्रवाई के नाम पर केवल पत्राचार  किया जा रहा है ध्यान रहे कि वर्ष दो हजार अट्ठारह उन्नीस में भी दलित और आदिवासियों ने दलित आदिवासी महापंचायत के बैनर तले आंदोलन किया था यह आंदोलन हमारे सहरिया परिवार के दो शिक्षित बेरोजगारों ने मध्यप्रदेश के मंत्रालय में मुख्यमंत्री महोदय से नहीं मिलने जाने के कारण जहर खा लिया था दोनों हमारे क्रांतिकारी साथी बच गए थे लेकिन उन्हें किसी प्रकार की कोई नौकरी नहीं दी जा रही थी तब है आंदोलन किया गया था उसमें भी वर्तमान में जो 22 मांगों सहित अन्य मांगे हैं वही मांगे थी तब मजबूरन में दोनों शिक्षित बेरोजगारों को चपरासी की नौकरी दी गई थी तभी से यह आंदोलन जारी है आदिम जाति कल्याण विभाग के उपरोक्त अधिकारियों ने फर्जी छात्रवृत्ति मैं करोडों रुपए का घोटाला किया गया है यही कहानी प्रभारी सहायक आयुक्त हरिबाबू शर्मा की है इन्हें भी गलत तरीके से भ्रष्टाचार के माध्यम से प्रभार दिया गया है इनका मूल पद प्राचार्य है इनका स्थानांतरण भी वर्ष 2015 में मंत्रालय आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश अनुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रायपुरिया जिला झाबुआ से संभागीय उपायुक्त अनुसूचित जाति जनजाति कार्य विभाग संभाग के विकल्प पर किया गया था इन्हें तत्कालीन समय से आज तक संभाग के विद्यालय आश्रम में रिक्त प्राचार्य के पद के लिए कार्य मुक्त नहीं किया गया और तत्कालीन कलेक्टर ने राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के मध्य कार्य विभाजन करते समय हरी बाबू शर्मा को जनजाति कार्य विभाग जिला ग्वालियर के सहायक आयुक्त का प्रभार दिया गया है जबकि शर्मा राज प्रशासन सेवा के अधिकारी नहीं है कई पत्र आयुक्त ग्वालियर लिख चुके हैं शासन से भी कई पत्र नुस्खे प्रभाव से हटाने के लिए आ चुके हैं केंद्रीय मंत्री मध्य प्रदेश शासन के मंत्री और सांसद  भी विभाग की मंत्री और मुख्यमंत्री कलेक्टर और कमिश्नर को कई पत्र लिख चुके हैं इनके विरूद्ध कार्रवाई के लिए इनको हटाने के लिए लेकिन भ्रष्टाचार के माध्यम से कमाए हुए पैसे को बंदरबांट करते हुए यह बच रहे हैं और कहीं ना कहीं राजनीतिक दबाव के कारण उन्हें बचाया जा रहा है हमारे दलित और आदिवासी समाज परेशान है पीड़ित है और उस पीड़ित है 20 फरवरी को दलित आदिवासी ज्ञापन रेली और धरना देकर कलेक्टर और कमिश्नर को 22 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया था उस मांग पत्र की एक भी समस्या का निराकरण आज तक नहीं किया गया है केवल आश्वासन दिया जा रहा है उसके बाद केंद्रीय मंत्री भारत सरकार श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी दलित आदिवासी महापंचायत और आदिवासी विकास परिषद द्वारा भी तीन बार ज्ञापन सौंपा गए हैं तीनों बार सिंधिया जी ने कार्रवाई के लिए एक पत्र मुख्यमंत्री और दो पत्र आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर को लिखे गए सांसद शेजवलकर जी द्वारा भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखे गए हैं मध्य प्रदेश शासन के मंत्री   तोमर और राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह ने भी पत्र लिखे हैं फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही तब मजबूरन सामाजिक संगठनों का संयुक्त धरना आंदोलन शुरू किया गया है कार्यालय कलेक्ट्रेट पर उपरोक्त दलित आदिवासी नेताओं ने कहा है कि यह आंदोलन जब तक हमारी 22 मांगों का निराकरण नहीं किया जाएगा वह दोषी अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच स्थापित नहीं की जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा आज 28 अप्रैल से आंदोलन और तेज किया जाएगा आंदोलनकारियों ने कहा कि हम अंबेडकरवादी है बिरसा मुंडा वादी हैं संघर्षों के आदी है संघर्ष करेंगे और कर रहे हैं लेकिन अपनी मांगों को मनवा कर रहेंगे और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करा कर ही मानेंगे 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री महोदय अंबेडकर महाकुंभ में ग्वालियर आए हुए थे उस समय भी प्रशासन के अधिकारियों ने हम दलित और आदिवासियों को मुख्यमंत्री महोदय से नहीं मिलने दिया था 22 मांगों में प्रमुख रूप से दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाए सहरिया भाषाई शिक्षकों का लंबित वेतन दिया जाए और नियमित वेतन दिया जाए जांच में दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच सन स्थापित की जाए जिला ग्वालियर में शासन से 4 छात्रावास स्वीकृत होकर आ चुके हैं चारों 50 - 50 सीटर के हैं आज तक चालू नहीं किए गए हैं इस प्रकार 200 छात्र छात्राओं को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है इसलिए अधिकारों से वंचित करने के आरोप में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए अनुसूचित जाति पी एम एस कन्या छात्रावास ठाठीपुर की कई छात्राओं को जातिगत अपमानित किया सामान बाहर फेंका गया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई जबकि छात्राओं द्वारा अजाक थाना ग्वालियर में f.i.r. का आवेदन भी दिया है और कई आवेदन कलेक्टर कमिश्नर सहित शासन को भेजे हैं सिंधिया जी ने कार्रवाई के लिए पत्र लिखा और सांसद ग्वालियर द्वारा भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा फिर भी कोई कार्यवाही नहीं इसी प्रकार आदिवासी पीएमएस बालक छात्रावास हुरावली के छात्र भी कई बार कलेक्टरों कमिश्नर से मिल चुके हैं अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए और छात्रावास की समस्याओं का निराकरण करने के लिए अधिकारी केवल खानापूर्ति कर रहे हैं कोई कारवाई आज तक दोषियों के विरुद्ध नहीं की गई है इतना ही नहीं कार्यालय में जाने वाले दलित और आदिवासियों को जातिगत रूप से अपमानित भी करते हैं इन यह दोनों अधिकारी करते हैं और इनके अधीनस्थ कर्मचारी भी करते हैं उसकी भी शिकायत की गई है लेकिन आज तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा आंदोलन को समाप्त करने के लिए अपने दलाल छोड़ दिए हैं और आंदोलनकारियों को कई प्रकार की धमकियां दी जा रही हैं और अपवाद फैलाई जा रही है कि आंदोलन समाप्त हो गया है धरना समाप्त हो गया है दलालों को हम चेतावनी देते हैं कि हमारा आंदोलन अब समाप्त नहीं होगा हम अपनी मांगों को मनवा कर ही मानेंगे और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करा कर ही मानेंगे हम किसी से भीख नहीं मांग रहे हमें प्यार नहीं चाहिए हमें अपने हक का अधिकार चाहिए आज प्रेस को जारी विज्ञप्ति में आंदोलनकारियों ने बताया है कि आज से आंदोलन और तेज किया जा रहा है इसलिए दलित आदिवासी और इन वर्गों से प्यार करने वाले इन वर्गों को हक अधिकार दिलाने वाले तमाम सारे सामाजिक संगठनों से बुद्धिजीवियों से अंबेडकर वादियों से और बिरसा मुंडा वादियों से अपील करते हैं कि आज से धरना स्थल पर कलेक्ट्रेट कार्यालय ग्वालियर पहुंचे यदि शासकीय कर्मचारी दिन में नहीं आ पा रहे हैं तो अपना कार्यालय के समय के बाद शाम को 6:00 बजे से भी आकर अपना समर्थन दे सकते हैं तक जितनी भी शिकायतें लंबित है उनकी निष्पक्ष जांच के लिए उक्त दोनों अधिकारियों को निलंबित किया जाए तभी निष्पक्ष जांच हो पाएगी जब तक निलंबित नहीं किया जाएगा तब तक हम धरना स्थल पर ऐसे नहीं हटेंगे और शासन प्रशासन से किसी प्रकार की कोई बात नहीं करेंगे जाकर सभी मांगों के पत्र ज्ञापन आवेदन शासन कलेक्टर और आयुक्त कार्यालय में मौजूद है जन समस्याओं का निराकरण प्रशासन कर सकता है उनका तत्काल करें और जिनका नहीं कर सकता है उनके निराकरण हेतु अनुशंसा सहित शासन को भेजें धरना में नियमित रूप से दारा सिंह कटारे महेश मधुरिया राजेंद्र मानव करतार सिंह जयंतीलाल जाटव मोहरपाल वर्मा प्रेम नारायण आदिवासी श्रीपद आदिवासी डॉक्टर हरी चंद्र पिपरिया नंदकिशोर कदम सहित दलित आदिवासी महापंचायत परिसंघ भाजपा अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा ग्रामीण सहरिया विकास परिषद दलित समाज परिषद के कार्यकर्ताओं का हम आभार मानते हैं कि हमारे आंदोलन में उपस्थित होकर न्याय दिलाने के संघर्ष में शामिल हैं शासकीय अधिकारी कर्मचारियों से भी अपील करते हैं कि 29 अप्रैल को 30 अप्रैल को अवकाश है हमारे धरने आंदोलन में शामिल होकर हमारा मनोबल बढ़ाएं उपरोक्त संगठनों द्वारा दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरना जारी है और जो साथी का धरना स्थल पर नहीं आ पा रहे हैं वह संभाग भर में जनजागृति अभियान चलाएं ताकि दोषियों को सजा मिल सके और दलित आदिवासियों को उनके हक अधिकार मिल सके I 

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