“विवाद से विश्‍वास तक” योजना प्रदेश में लागू की जाए : MPCCI

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लिखा पत्र

ग्वालियर, 29 अप्रैल । भारत सरकार द्वारा MSME के अन्तर्गत आने वाली औद्योगिक इकाइयों की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु वर्ष 2020 से 2022 के मध्य में 2 वर्ष के लिए “विवाद से विश्‍वास तक” योजना लागू की गई थी । भारत सरकार की इस सार्थक पहल से देश भर में स्थापित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के उद्यमियों को काफी राहत मिली और सभी ने केन्द्र सरकार की इस योजना की प्रशंसा की ।

इसी प्रकार की योजना मध्य प्रदेश में लागू करने हेतु चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री-श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर माँग की गई है ।

अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-हेमन्त गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि भारत सरकार की इस योजना की भांति ही प्रदेश में भी व्यापार एवं उद्योग से जुड़े हुए विभिन्न विभागों में इस (विवाद से विश्‍वास तक) प्रकार की योजना लागू किए जाने की आवश्‍यकता है क्योंकि वर्ष 2020 एवं 2021 के कोराना काल में अनेक व्यवसाई एवं उद्योगपतियों का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और कई उद्यमी के उपक्रम असंचालन की स्थिति में आ गए हैं ।

पदाधिकारियों ने कहा है कि उद्यमी और शासन के मध्य जब संबंध मधुर होंगे तथा एक-दूसरे के प्रति विश्वास होगा, तभी किसी भी प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होगी और प्रदेश आर्थिक रूप से सम्पन्न होगा । वहीं सरकार का बहुत धन विवाद के निपटाने में अथॉरिटी, कानूनी सलाह और अन्य विधिक कार्यों पर खर्च होता है, वह भी बचेगा और अनावश्यक विवादों के समाप्त होने से जिन लोगों को न्याय की त्वरित आवश्‍यकता है, वह प्राप्त हो सकेगी, वहीं उद्यमी भी अपना सारा फोकस अपने उद्यम में लगा सकेगा ।

MPCCI ने मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री जी से अनुरोध किया है कि भारत सरकार की उपरोक्त योजना का राज्य सरकार द्वारा अध्ययन कर, प्रदेश में कोविड-19 के दौरान प्रभावित हुए कारोबारियों को पुनः स्थापित करने तथा उन्हें प्रोत्साहित करने की दृष्टि से इस प्रकार की योजना राज्य में तत्काल लागू की जाए, ताकि प्रदेश के उद्यमी इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित हों और यह योजना सफल हो और अन्य प्रदेश हमारी इस योजना का अनुसरण कर सके ।

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