शनि जयंती 19 मई को, शनि की पीड़ा से शांति के करे उपाय

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन

हर व्यक्ति शनि ग्रह के नाम को जानता है चाहे अन्य ग्रहों से परिचित हो या न हो पर शनि ग्रह का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।हालाकि ऐसा यह ग्रह नहीं है कि व्यक्ति को विना वजह ही खराब परिणाम देता है यह ग्रह तो न्याय का देवता हैं व्यक्ति जैसे कर्म करता है उसी अनुसार उसे कर्मो के फल देता है।अगर व्यक्ति ईमानदारी से मेहनत करता है तो उसे रंक से राजा बनते भी शनि की महादशा या साढ़ेसाती में देख सकते है। और इसकी टेढ़ी नजर हो तो राजा को भी फकीर बना देता है।

यह जानकारी शहर के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने देते हुए कहा कि शनि मंद गति से चलने वाला अर्थात शनै शनै चलने से ही इस ग्रह का नाम शनैश्चर पड़ा और धीमी गति के कारण ही एक राशि में ढाई साल रहता है पूरे 12 राशियों का चक्कर लगभग 30 वर्षो में पूरा करता है। लंबे समय तक एक राशि में रहने से ही जीवन पर इसका अच्छा और खराब फल लंबे समय तक देखना पड़ता है ।

श्री जैन ने कहा पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को सूर्य पुत्र शनि देव की जयंती के रूप में मनाया जाता है। शनि जयंती के दिन श्रद्धाभाव से पूजा-पाठ करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। इस वार ज्येष्ठ अमावस्य 19 मई शुक्रवार के दिन है।

18 मई रात 09:42 बजे से अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी जो 19 मई को रात्रि 09:22 बजे तक रहेगी।

इस समय तक शनि की पूजा,आराधना,व्रत जाप किए जा सकते हैं।

वैसे तो शनिवार का दिन और शनि अमावस्या शनि देव की पूजा के लिए समर्पित होता ही है लेकिन शनि जयंती का दिन ज्येष्ठ अमावस्या चाहे किसी भी वार को हो यह दिन  भी शनि देव की पूजा के लिए बहुत खास होता है। शनि जयंती को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

अभी *इन राशियों पर है शनि साढ़े साती*:  मकर,कुंभ, मीन राशि पर इन पर ढैया कर्क,वृश्चिक पर और जिनको शनि की कुंडली में महादशा, अंतर्दशा है या शनि ग्रह अशुभ स्थिति में हो उन्हे भी इस दिन शनि को प्रसन्न करना चाहिए।

*कैसे करें शनि को प्रसन्न* : श्री जैन ने कहा शनि दयालु व न्याय प्रिय ग्रह होने से सीघ्र प्रसन्न भी होते हैं।

इस दिन काले तिल,काले उड़द,काले देशी चना तेल में बनाकर दान करने से।

काला वस्त्र, छाता,लोहे की वस्तुओ का दान करने से।

शनि मंत्र ॐ प्रां प्रिं प्रौं स: शनै नमः या ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र को यथा शक्ति 11,21,31,51 माला जाप करें।



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