GEM पोर्टल द्बारा दिये जा रहे वर्कऑर्डर में विभागों द्बारा नवीन शर्तें जोड़े जाने से व्यापारियों को हो रहा लाखों का नुकसान : एमपीसीसीआई


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे, म.प्र. के एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, प्रमुख सचिव-स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. एवं कलेक्टर मुरैना को चेम्बर ने लिखा पत्र
ग्वालियर 1 मई । GEM पोर्टल द्बारा दिये जा रहे वर्कऑर्डर में विभागों द्बारा नवीन शर्तें जोड़े जाने से मेक इन इंडिया का सपना पूर्ण नहीं होने एवं व्यापारियों को हो रहे लाखों रूपये के नुकसान के संबंध में मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (MPCCI) द्बारा देश के प्रधानमंत्री-श्री नरेन्द्र मोदी जी, प्रदेश के मुख्यमंत्री-श्री शिवराज सिंह जी चौहान, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री-श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया, केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री-श्री नारायण राणे, म.प्र. के एमएसएमई मंत्री-श्री ओमप्रकाश सकलेचा, प्रमुख सचिव-स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. एवं कलेक्टर मुरैना को पत्र लिखा गया है।
एमपीसीसीआई अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-हेमंत गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल द्बारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि GEM पोर्टल द्बारा दिये जा रहे वर्क ऑर्डर में विभागों द्बारा नवीन शर्तें जोड़े जाने से भारत सरकार के मेक इन इंडिया के सपने पर विभागों द्बारा कुठाराघात किया जा रहा है और इससे व्यापारियों को लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है। ऐसा ही एक प्रकरण हमारे सदस्य के साथ हुआ है। इस संबंध में चेम्बर व्यापारी द्बारा GEM पोर्टल के माध्यम से दिनांक 09.02.2023 को बिड के द्बारा ऑर्डर दिया गया। यह ऑर्डर GEM पोर्टल पर हुआ।अनुबंध की शर्त क्रमांक-1 में मॉडल HLBS CM44 का स्पष्ट उल्लेख है। इस अनुबंध के मुताबिक हमारे सदस्य द्बारा निर्माता कंपनी से माल क्रय कर, 27.03.2023 को तैयार कर, इसकी बिलिंग कर दी गई।
यहां उल्लेखनीय है कि इसकी जो बिड डिटेल्स थी उस बिड के अस्वीकरण के कंडिका क्रमांक-5 व 9 जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि दिये गये ऑर्डर में मॉडल व कंपनी में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकता है। जब मेक इन इंडिया के तहत उपलब्ध है तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ब्रांड नहीं लिया जा सकता है। कंडिका क्रमांक-9 में स्पष्ट उल्लेख है।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद दिनांक 28.03.2023 को एक पत्र कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला मुरैना द्बारा जारी किया गया जिसमें उल्लेख किया गया है कि “वरिष्ठ कार्यालय द्बारा IDC TOP 5 LIST में से प्रदाय करने के निर्देश दिये गये हैं। अत: आपसे अनुरोध है कि Desktop Computer HLBS Company के स्थान पर IDC TOP 5 LIST में सo HP/DELL/LENOVO/ACER किसी एक कंपनी के डेस्कटॉप कम्प्यूटर प्रदाय करने की सहमति देने का कष्ट करें।” यह स्पष्ट रूप से बिड की शर्त का उल्लंघन है।
मैसर्स गिर्राज इंटरप्राइजेज द्बारा भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत डिपाटर्मेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इण्डस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड का ऑफिस ऑफ मेमोरेण्डम दिनांक 20.12.2022 आपको दिखाया गया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्बारा भारत को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में आगे ले जाने के लिये जारी किये गये निर्देश का यदि प्रादेशिक या राष्ट्रीय स्तर पर कोई इकाई जो कंपोनेंट तैयार करती है उस कंपोनेंट की आवश्‍यकता होने पर वह अंतर्राष्ट्रीय कंपनी से क्रय नहीं किये जा सकते हैं। इसके बावजूद इसे नजरअंदाज करते हुए दिनांक 30.03.2023 को मैसर्स गिर्राज इंटरप्राइजेज को दिया गया आदेश ऑफलाइन मोड में निरस्त कर दिया गया। ऐसी कार्यवाहियां भारत सरकार के आत्म निर्भर भारत बनाने के सपने को धूमिल करती है।
एमपीसीसीआई द्बारा मांग की गई है कि मैसर्स उक्त बिड के सफल होने पर जो आदेश-अनुबंध हुआ था, उसको बहाल कर, जो स्टॉक सप्लाय के लिए मंगा लिया है, उसे सप्लाय करने की अनुमति प्रदान की जावे। अन्यथा ऐसा नहीं करने की दशा में घरेलू इकाई को एक बड़ी  आर्थिक क्षति होगी, जिसका दुष्प्रभाव अन्य घरेलू इकाईयों पर भी पड़ेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

अब चांदी ही चांदी ,मगर किसकी ?

  आज कोई पोलटिकल या कम्युनल बात नहीं होगी क्योंकि आज का मुद्दा तेजी से उछल रही चांदी है चांदी को रजत भी कहा जाता है।  रजतपट का नाम तो आपने स...