दलित आदिवासी महापंचायत एवं दलित समाज परिषद ने मुख्यमंत्री को अलग-अलग ज्ञापन सौंपें

 

   ग्वालियर 25 जून / दलित आदिवासी महापंचायत के प्रांतीय उपाध्यक्ष महेश मदुरिया ने दलित आदिवासियों की  समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर गत दिवस 24 जून 2023 को ग्वालियर प्रवास पर आए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रतिनिधिमंडल के रूप में ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में मुख्यमंत्री को 8 जून 2023 को बैठ आगमन पर दिए गए ज्ञापन की याद दिलाई जिसमें सभी दस्तावेजों के साथ 97 दस्तावेज सलंगन करते हुए जांच में दोषी जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई गलत तरीके से दिए गए प्रभार को तत्काल प्रभाव से हटाने अन्य जांचों की निष्पक्ष जांच हेतु जिसमें अरबों रुपए की फर्जी छात्रवृत्ति घोटाला भी है जांच से पूर्व इन्हें तत्काल हटाया जाए की मांग भी की गई और इस बात का भी माननीय मुख्यमंत्री को ध्यान दिलाया कि 8 जून को श्रीमान आपके द्वारा कहा गया था कि मैं इनको हटा लूंगा आप चिंता ना करें मैं दलित आदिवासियों के साथ हूं इस बात को 10 दिन बीत जाने के बाद श्रीमान आपको ई-मेल से भी पत्र भेजकर आपका ध्यान ज्ञापन पर कार्रवाई करने की ओर आकर्षित किया है उसे श्रीमान आपने विभाग की प्रमुख सचिव को ट्रांसफर किया है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई इसी बात को लेकर और ज्ञापन में उल्लेखित मांगों को लेकर कल 24 जून 2023 को ग्वालियर प्रवास पर आए मुख्य मंत्री को पुणे ज्ञापन सौंपा गया है वह बेड में दिए गए ज्ञापन की कॉपी और ईमेल से भेजे गए पत्र की कॉपी भी दी गई है

      दूसरी ओर दलित समाज परिषद के संभागीय अध्यक्ष डी एन नार्वे ने भी एक ज्ञापन अलग से मुख्यमंत्री को दिया गया है इस ज्ञापन में कलेक्टर ग्वालियर द्वारा प्रभारी सहायक आयुक्त को हटाने और स्थाई सहायक आयुक्त की व्यवस्था करने तथा संपूर्ण शिकायतों की जांच करने का उल्लेख करते हुए आयुक्त जनजाति कार्य विभाग मध्यप्रदेश और मुख्यमंत्री के उप सचिव को भेजे गए पत्रों की प्रतियां भी सलंगन की गई है तथा आयुक्त ग्वालियर द्वारा लिखे गए पत्र भी ज्ञापन में सलंगन किए गए हैं तथा दलित आदिवासियों के सामाजिक संगठनों द्वारा के सामाजिक संगठनों द्वारा 26 अप्रैल 2023 से 7 मई 2023 तक अनिश्चितकालीन धरना तथा दलित आदिवासियों के मांगो और जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम द्वारा दिए गए आश्वासन जो विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं जिनमें दलित आदिवासियों की मांगें भी उल्लेखित है कि सभी समाचारों की कथनों की छाया प्रतियां भी ज्ञापन में सलंगन कर सौंपी गई है दलित समाज परिषद के ज्ञापन में कुल 51 दस्तावेज सलंगन किए गए हैं दोनों ही नेताओं ने कहा है कि शीघ्र ही दोषी अधिकारियों को गवालियर से नहीं हटाया गया और जांच में दोषी हैं उनको निलंबित नहीं किया गया और लंबित शिकायतों की जांच जांच दल गठित कर इनके विरूद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो दलित आदिवासी दोनों को पुणे आंदोलन के लिए बाद आना पड़ेगा चर्चा में मुख्यमंत्री से यह भी कहा गया की कलेक्टर ग्वालियर का कहना है कि मैं नहीं उठा पाऊंगा मैं इन दोषी अधिकारियों ग्रुप कोई कार्रवाई नहीं कर पाऊंगा जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कार्रवाई कर आऊंगा आप चिंता न करें देखते हैं दूसरी बार आश्वासन सीएम साहब ने दिया है आगे क्या होता है इंतजार है अन्यथा ऐसा प्रतीत होता है की अनुसूचित जाति जनजाति के समाज और इन वर्गों के अधिकारी कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री  तक से गुहार लगाना पड़ रही है फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है इस बात की भी चर्चा मुख्यमंत्री से की गई उक्त दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री कोई भी ध्यान दिलाया कि श्रीमान आपके द्वारा कम से कम 20 इमेल विभाग की प्रमुख सचिव और कलेक्टर ग्वालियर को फॉरवर्ड किए गए हैं लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही आखिर क्या कारण है कि एक अदना सा अधिकारी जिला प्रशासन संभाग प्रशासन मध्यप्रदेश शासन मुख्यमंत्री पर भारी क्यों पड़ रहा है जबकि गवालियर केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के मंत्री सांसद भी ग्वालियर में स्थाई सहायक की पदस्थापना करने के लिए मुख्यमंत्री विभाग के मंत्री को पत्र लिख चुके हैं I  अब तो इस बात की भी जांच होना चाहिए कि आखिरकार अरबों रुपए की छात्रवृत्ति में घोटाला करने वाले प्रभारी सहायक आयुक्त को बचा कौन रहा है और अभी तक कार्यवाही नहीं होने का कारण क्या है इसके पीछे कौन कौन दोषी है उनके खिलाफ भी कार्रवाई होना चाहिए जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने के कारण अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग में काफी आक्रोश है जिसका असर आने वाले चुनाव पर पड़ेगा उक्त नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शीघ्र इन अधिकारियों को गवालियर से नहीं हटाया तो अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग आने वाले चुनाव में इसका विशेष ध्यान रखेगा अभी भी समय है जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करते हुए दलित और वासियों कि जो समस्याएं लंबित हैं उनका शीघ्र निराकरण किया जाए I 

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