दलित और आदिवासियों के लंबित पत्रों पर कार्रवाई कराने के लिए दलित समाज परिषद ने शासन प्रशासन को पत्र लिखा -डीएन नार्वे

ग्वालियर / दलित समाज परिषद के संभागीय अध्यक्ष डी एन नार्वे ने दलित और आदिवासियों की समस्याओं से संबंधित शासन प्रशासन में लंबित पत्रों पर कार्रवाई कराने के लिए जिनमें दलित और आदिवासियों के भूमिहीन परिवारों को शासकीय भूमि के पट्टे दिए जाने मजरा टोला मोहल्ला को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने दलित और आदिवासियों के बेरोजगारों को सास की नौकरी दिए जाने दलित आदिवासियों की जमीनों पर दबंगों द्वारा किए गए कब्जों को हटा कर दलित आदिवासियों को जलाने बैकलॉग के रिक्त पदों को भरने पदोन्नति करने सहरिया जनजाति के शिक्षित युवाओं को योग्यता के अनुसार सीधी बगैर साक्षात्कार के बगैर लिखित परीक्षा के शासकीय नौकरी दिए जाने अशासकीय कालेजों के माध्यम से अरबों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले दलित आदिवासियों के हित में जारी शासन के आदेशों का पालन नहीं करने आदि 25 मागों  से संबंधित तमाम सामाजिक संगठनों के पत्र शासन प्रशासन में लंबित है जिनमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की गई है लेकिन आज तक जांच में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई है और ना ही अन्य शिकायतों पर जांच दल गठित कर जांच की जा रही है इन्हीं सब बातों को लेकर दलित आदिवासी महापंचायत के संभागीय अध्यक्ष दिया नार्वे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली , मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव ,  जनजाति कार्य विभाग के प्रमुख सचिव , जनजाति कार्य विभाग मध्य प्रदेश के आयुक्त , ग्वालियर संभाग के आयुक्त , कलेक्टर ग्वालियर को ईमेल और स्पीड पोस्ट से पत्र भेजा है पत्र की प्रतिलिपि महामहिम राष्ट्रपति  प्रधानमंत्री तथा मध्य प्रदेश के राज्यपाल को भी भेज कर कार्रवाई करने का उल्लेख किया गया है पत्र में मांग की गई है की तमाम सामाजिक संगठनों द्वारा शिकायतें की गई है लेकिन इन शिकायतों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देश है कि दलित आदिवासियों से प्राप्त शिकायतें पत्र आवेदन कि पृथक से पंजी बनाई जाए लेकिन इस तरह की पंजी किसी विभाग ने नहीं बनाई है साथ ही शासन के स्पष्ट निर्देश है कि दलित आदिवासियों को जातिगत देश भावना से उनके विरुद्ध किसी प्रकार की कोई कार्रवाई न की जाए और उन्हें  उत्पीड़ित नहीं किया जाए इसके बाद भी दलित आदिवासियों के आवेदनों पर किसी प्रकार के निर्णय नहीं लिए जाते हैं उल्टा उन्हें परेशान किया जा रहा है ग्वालियर में पिछले दिनों कार्यालय कलेक्ट्रेट पर 26 अप्रैल 2023 से अनिश्चितकालीन धरना भी दिया गया था जिसे कलेक्टर की ओर से एसडीएम  ने 5 दिन मैं दोनों अधिकारियों को हटा दिया जाएगा सभी समस्याओं का निराकरण एक माह में कर दिया जाएगा के आश्वासन देने के बाद  07 मई 2023 को समाप्त किया था और कहा था कि सभी समस्याओं का निराकरण 1 महीने में हो जाएगा इस धरने से पहले 25 सूत्री समस्याओं के निराकरण का मांग पत्र दलित आदिवासियों की मांगों तथा समस्याओं के निराकरण करने का ज्ञापन कलेक्टर कमिश्नर को दिया गया था लेकिन आज तक किसी भी समस्या का निराकरण किया नहीं किया गया है और ना ही दोषी अधिकारियों को आज तक हटाया गया है जबकि दलित आदिवासियों के सामाजिक संगठनों के संयुक्त धरना आंदोलन में दलित समाज परिषद भी शामिल थी प्रसाद के संभागीय अध्यक्ष डीएल नार्वे ने तीव्र रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं किया गया और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई तो पुनः आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा साथ ही नार्वे ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि दलित आदिवासियों के पत्रों पर कार्रवाई कराते हुए दलित आदिवासियों के न्याय दिलाया जाए भूमिहीन सहरिया परिवारों  शासकीय पट्टे दिए जाएं विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया परिवारों के शिक्षित युवाओं को शासकीय नौकरी दीजाएं यदि दलित आदिवासियों की मांगों और समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो दलित आदिवासियों के संगठन शीघ्र ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय शायद सांसद विधायक मंत्रियों को पत्र सौंपेंगे उसके बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो शांत पूरी तरीके से आंदोलन किया जाएगा I 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

ओबीसी महासभा ने कलेक्टर के नाम दस सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

तहसीलदार की गैर मौजूदगी में पटवारी ने लिया ज्ञापन भाजपा और कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुर्दाबाद के लगाए नारे Aapkedwar news–अजय अहिरवा...