एससी-एसटी विरोधी एवं जांच में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध अनु जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई कर निलंबित किया जाए - मोहर पाल वर्मा

फाइल फोटो

ग्वालियर 23 जून / वरिष्ठ समाजसेवी अंबेडकरवादी मनुवादी विरोधी मोहरपाल वर्मा ने ग्वालियर के जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त हरी बाबू शर्मा और उनके कार्यालय के बाबू जो हरी बाबू के खास हैं सीके द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर गवालियर को प्रतिनिधिमंडल के साथ जाकर दोनों को निलंबित करने की मांग की उल्लेखनीय है कि कलेक्टर से कई बार मोरपाल वर्मा मिलकर दोनों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर चुके हैं पिछले बार ग्वालियर आगमन पर प्रभारी मंत्री को भी पत्र देकर दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी सामाजिक संगठनों के संयुक्त धरने में भी मोहरपाल वर्मा शामिल रहे थे अपने साथियों के साथ प्रभारी मंत्री ने भी धरना स्थल पर आकर कहा था कि आज ही शाम तक दोनों को आज ही  हटा दिया जाए जाए उसके बाद सभी शिकायतों की जांच कर इनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए शिकायती आवेदन में  मोहरपाल वर्मा ने कहा है कि दोनों ही अधिकारी एससी एसटी वर्ग के हितग्राहियों के साथ जातिगत शब्दों से अपमानित करते हैं वर्मा ने तीव्र रोष व्यक्त करते हुए कहा कि पता नहीं करैक्टर इन के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जनजाति कार्य विभाग के अधिकारी शासन प्रशासन पर हावी है इससे स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है इनके द्वारा शासकीय कॉलेजों के माध्यम से अरबों रुपए की फर्जी छात्रवृत्ति का घोटाला किया जा रहा है कई प्रकार की गंभीर शिकायतें हैं उन पर आज तक जांच के आदेश जारी नहीं किए गए हैं और जनजातियों में दोषी हैं उन पर आज तक निलंबित नहीं किया गया है पीएमएस कन्या छात्रावास थाटीपुर की छात्राओं ने भी हरी बाबू पर कई गंभीर आरोप लगाए थे पुलिस में एफ आई आर दर्ज करने का आवेदन भी दिया था छात्राओं के बयान भी दर्ज हुए थे लेकिन आज तक एफ आई आर दर्ज नहीं हुई है इसी प्रकार हुरावली के आदिवासी बालक छात्रावास के छात्रों ने भी कलेक्टर कमिश्नर प्रभारी मंत्री से भी हरी बाबू शर्मा और वहां के अधीक्षक अशोक शर्मा के खिलाफ कार्यवाही के लिए कई आवेदन दिए लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं की गई है वर्मा ने कहा है कि शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की गई तो पूर्व की तरह अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा और भूख हड़ताल भी की जा सकती है प्रशासन और शासन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों को गलत तरीके से दिए गए परिवार को हटाकर शीघ्र कार्रवाई करें अर्थात sc-st समाज को पुनः आंदोलन के लिए बाद होना पड़ेगा तथा हम सभी एससी एसटी के सामाजिक संगठन एक राय होकर आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं देंगे इसके लिए भी शीघ्र ही बैठक की जाएगी l 

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