सहरिया आदिवासी सम्मेलन में शामिल हुए केन्द्रीय मंत्री सिंधिया

सहरिया आदिवासियों के कल्याण के लिये केन्द्र व राज्य सरकार कृत संकल्पित – सिंधिया 

दिलाया भरोसा सहरिया जनजाति के उत्थान में करेंगे हर संभव मदद 




  ग्वालियर / केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा केन्द्र व राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिये पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहीं हैं। इस कड़ी में केन्द्र सरकार द्वारा आदिवासी परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये देश में 701 एकलव्य विद्यालय खोले जा रहे हैं। इन विद्यालयों में 40 हजार पढ़े-लिखे युवाओं को शिक्षक के रूप में नौकरी भी मिलेगी। आदिवासी समाज के कल्याण के लिये भारत सरकार द्वारा 15 हजार करोड़ रूपए की विशेष योजना भी बनाई गई है। श्री सिंधिया शुक्रवार को घाटीगाँव में सहरिया आदिवासी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। 

केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों में शुमार सहरिया जनजाति परिवार की महिलाओं के पोषण के उद्देश्य से हर माह उनके खाते में एक हजार रूपए की धनराशि डाली जा रही है। साथ ही सहरिया जनजाति सहित विशेष पिछड़ी जनजातियों के कल्याण के लिये तमाम योजनाएँ संचालित की हैं। उन्होंने कहा जल, जंगल व जमीन के संरक्षण के क्षेत्र में मानव समाज में सबसे अग्रणी आदिवासी समाज रहा है। श्री सिंधिया ने कहा कि सहरिया आदिवासियों की प्रगति केवल मेरी जिम्मेदारी भर नहीं अपितु धर्म है। उन्होंने सिंधिया रियासतकाल में श्योपुर जिला सहित सम्पूर्ण ग्वालियर व चंबल संभाग सहरिया आदिवासियों के कल्याण के लिये किए गए कामों का इस अवसर पर विशेष तौर पर उल्लेख किया। साथ ही भरोसा दिलाया कि विशेष पिछड़ी जनजातियों सहरिया, बैगा व भारिया के कल्याण में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी। 

सहरिया आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि भारत माता की फूल माला में आदिवासी समाज सबसे खूबसूरत फूल की तरह है। आदिवासी समाज का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। आदिवासी समाज स्वभावत: सहनशील, सौम्य व सरल होता है। पर जब-जब देश के लिये बलिदान की बारी आई तो आदिवासी समाज प्रथम पंक्ति में खड़ा दिखाई दिया है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी महापुरूषों के योगदान का जिक्र करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा ने अंग्रेजों के खिलाफ झण्डा उठाकर अपने जीवन का बलिदान दिया। इसी तरह मामा टंट्या भील ने अंग्रेजों को नाकों चने चबाने को मजबूर कर दिया। वीरांगना रानी दुर्गावती ने मुगलों को घुटने टेकने के लिये मजबूर किया। देश की इन महान विभूतियों के सम्मान का सरकार ने पूरा ध्यान रखा है। 15 नवम्बर को भागवान बिरसा मुण्डा का जन्म दिवस मनाने का सरकार ने संकल्प लिया है। साथ ही वीरांगना रानी दुर्गावती यात्रा निकाली गई। 

घाटीगाँव में आयोजित हुए सहरिया आदिवासी सम्मेलन में राज्य स्तरीय सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री तुरसन पाल बरैया, विधायक श्री सीताराम आदिवासी एवं सहरिया आदिवासी सम्मेलन के आयोजक श्री मोहन सिंह राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में लघु उद्योग विकास निगम की अध्यक्ष श्रीमती इमरती देवी, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री सीताराम बाथम व भाजपा जिला अध्यक्ष ग्रामीण श्री कौशल शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। 

आरंभ में केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया सहित अन्य अतिथियों ने भगवान बिरसा मुण्डा, टंट्या भील और बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

आम जनता के बीच पहुँचे और आत्मीयता से मुलाकात की 

केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सहरिया आदिवासी सम्मेलन में बड़ी संख्या में मौजूद जन समूह के बीच पहुँचकर लोगों की कठिनाईयाँ व समस्यायें सुनीं और उनके आवेदन प्राप्त किए। साथ ही सभी से आत्मीयता से भेंट कर जनता का आशीर्वाद लिया।  



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