जनजाति कार्य विभाग के दलित आदिवासी विरोधी जांचों में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग,नहीं तो आंदोलन होगा

केंद्रीय मंत्री मध्य प्रदेश शासन के मंत्री ग्वालियर के सांसद ग्वालियर के प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री भी दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करा पाए - महेश मधुरिया

ग्वालियर 11 जुलाई  । अनुसूचित जाति जनजाति कार्य विभाग जिला गवालियर संभाग ग्वालियर के दलित आदिवासी विरोधी प्रभारी सहायक आयुक्त हरी बाबू शर्मा जिनका मूल पद प्राचार्य है इनको सहायक आयुक्त का प्रभार राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी मान कर दिया हरी बाबू शर्मा तथा श्रीमती ऊषा पाठक दोनों ही दलित आदिवासी विरोधी अधिकारी हैं पूर्व की जांचों में दोनों ही अधिकारी दोषी है लेकिन शासन-प्रशासन दोनों अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रहा है दोनों ही अधिकारियों द्वारा अरबों रुपए की छात्रवृत्ति में घोटाला किया है दलित और आदिवासियों के संगठन दोनों ही अधिकारियों को नियमों के विरुद्ध दिए गए प्रभार पूर्व की शिकायतों में दोषी होने के कारण दलित आदिवासी विरोधी होने के कारण भ्रष्टाचार ओं की शिकायतों में निलंबित नहीं करने के कारण शासन प्रशासन दोनों का ही बचाव कर रहा है क्योंकि दोनों ही अधिकारी उच्च वर्ग के हैं और कहीं ना कहीं सत्ता का संरक्षण प्राप्त है सत्ता के मंत्री सांसद इन को हटाने के लिए और उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए पत्र तो लिख रहे हैं लेकिन इन के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि पत्र विभाग की मंत्री मुख्यमंत्री कलेक्टर कमिश्नर को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार भारत सिंह कुशवाह कई पत्र लिख चुके हैं इसका मतलब यही होता है कि शायद दलित आदिवासियों का मन समझाने के लिए पत्र लिखे गए हैं यदि कार्रवाई कराने की होती तो फिर आज तक के मंत्री का सांसद  कार्रवाई क्यों नहीं करा पा रहे जबकि सरकार इन्हीं की है कलेक्टर कमिश्नर इन्हीं के हैं दलित और आदिवासी वर्ग के सामाजिक संगठन कर्मचारी संगठनों ने 1 - 2 नहीं सैकड़ों पत्र मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को सोंपे हैं विभाग की मंत्री को दिए हैं जनजातियों में दोषी है वह जांच रिपोर्ट भी पत्रों के साथ दी गई हैं ग्वालियर में मुख्यमंत्री के आगमन पर  दलित आदिवासी महापंचायत ने 8 जून और 24 जून को इनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर चर्चा की गई और पूरे सबूत दिए गए जिस पर मुख्यमंत्री  ने दोनों ही बार आश्वासन दिया था वह भी छाती ठोक कर के उनके बदले कार्रवाई कर आऊंगा लेकिन आज एक माह बीत गया कोई कार्रवाई नहीं की गई इससे पहले दलित आदिवासी समाज के सामाजिक संगठनों ने जिसमें भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा ग्रामीण के जिला अध्यक्ष भी शामिल थे धरना दिया गया था कार्यालय कलेक्ट्रेट ग्वालियर पर जिससे प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में क्षेत्र के एसडीएम से भी प्रसाद जी ने यह कहकर समाप्त करा दिया कि आप की मांग जायज है कलेक्टर साहब की शान होती आपके साथ है दोनों ही दोषी अधिकारियों को 5 दिन में हटा दिया जाएगा और आपकी मांगों का निराकरण 1 माह में कर दिया जाएगा  I इस बात को भी 2 महीने से अधिक हो गए कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई उसके बाद भी कई बार कलेक्टर कमिश्नर से मिले लिए गए हैं जिला प्रशासन ने बैठे अधिकारी दोनों ही अधिकारियों को बचा रहे हैं कमिश्नर कार्यालय द्वारा भी कलेक्टर को कई पत्र लिखे गए हैं जांच के लिए जांच दल गठित करने के लिए यह भी खानापूर्ति कर रहे हैं क्योंकि जब जांचों में दोषी हैं और जांच रिपोर्ट कमिश्नर के पास और कलेक्टर के पास हैं तो पत्राचार करके खानापूर्ति क्यों की जा रही है सीधा सा सवाल है दोनों ही अधिकारी उच्च वर्ग वह भी ब्राह्मण है इसलिए इन दोनों को बचाया जा रहा है इस कारण दलित आदिवासी ओबीसी वर्ग के संगठनों में काफी आक्रोश है अभी हाल ही में दलित आदिवासी ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधि  मंडल ने दलित आदिवासी महापंचायत के प्रांतीय उपाध्यक्ष महेश मधुरिया ओबीसी महासभा के धर्मेंद्र कुशवाहा परिसंघ के प्रांतीय प्रवक्ता जयंती लाल जाटव एडवोकेट दलित समाज परिषद के डी एन नार्वे  सहित समाजसेवी मोहर पाल वर्मा के हस्ताक्षर से पत्र दिए गए और कलेक्टर कमिश्नर से चर्चा की गई लेकिन आश्वासन के अलावा अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं आज मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि इन अधिकारियों को 1 सप्ताह में नहीं हटाया गया और जनजातियों में दोषी है उन्हें निलंबित नहीं किया गया वो जो लंबित शिकायतें हैं उनकी जांचें इनको हटा कर जांच दल गठित कर नहीं की गई और जो दलित आदिवासियों की 25 मांगों के लिए लगातार दलित आदिवासियों भी से संघर्ष कर रहे हैं उनका निराकरण नहीं किया गया तो पुनः आंदोलन किया जाएगा इसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी I 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:29 बजे   *सूर्यास्त :-* 17:40 बजे  *विक्रम संवत-2081* शाके-1946  *वी.नि.संवत- 2550*  *सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन, उत्तर  गोल  ...