ग्रहण का सूतक शाम 4:05 बजे से
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूरे सबाव में 16 कलाओ से युक्त रहता है। और आसमान से अमृत की वर्षा होती है इसलिए लोग इस दिन मीठी खीर बनाकर छत्तो पर मलमल के वस्त्र से ठक कर रख देते हैं और दूसरे दिन प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं।वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने कहा इस वार की शरद पूर्णिमा वाले दिन अश्वनी शुक्ल पूर्णिमा यानी 28 अक्टूबर शनिवार को मध्य रात्रि चंद्र ग्रहण होगा जो भारत में दिखाई देगा ग्रहण का सूतक शाम 4:05 बजे से लग जायेगा इसी के साथ सभी मंदिरों के कपाट पूजन के बाद बंद हो जायेंगे क्योंकि इसी मध्य रात को चंद्रग्रहण लगेगा तो चंद्रमा की सोलह कलाए दूषित रहेंगी और अमृत की वर्षा पर विराम लगेगा। तो सूतक में किसी प्रकार की खीर बनाकर रखना बाद में उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना उचित नहीं है।
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