ज्येष्ठ पुत्र डॉ महेन्द्र पांडे ने दी मुखग्नि
ग्वालियर / आयुर्वेद के सूर्य डॉ वेणीमाधव शास्त्री जी ने आज सुबह 7.30 बजे अपने निवास चेतकपुरी पर अंतिम स्वांस लीडॉ वेणीमाधव शास्त्री ने 1965 मे ग्वालियर मे आयुर्वेद कॉलेज के रीडर के पद से अपनी सेवा प्रारम्भ की और इसी कॉलेज के प्राचार्य पद से सेवा निवृत हुए I
इस दौरान वह राज्यपाल भगवत दयाल शर्मा के चिकित्सक भी रहे जिससे उन्हें राजवैध की उपाधि से विभूषित किया गया आपने प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह अटलबिहारी बाजपेयी कैलाशवासी राजमाता श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया कैलाश जोशी कैलाश सारंग शीतला सहाय जी के साथ प्रसिद्ध उद्योगपति बाबू घनश्याम दास जी बिरला को भी चिकित्सा के संबंध मे परामर्श दिया
उनका जन्म वर्ष वर्ष 1936 मे दाऊ जी मथुरा मे हुआ इनके पिता भी ख्याति प्राप्त वैध थे l
डॉ शास्त्री के पुरे देश के लोग चिकित्सा परामर्श करते थे और बहुत लोग भारत वर्ष के लोग भी परामर्श लेते थे l
डॉ शास्त्री पीतांबरा माई के भक्त थे और पीतांबरा पीठ के सस्थापक परम पूज्य गुरुदेव स्वामी जी माहाराज के प्रिय शिष्यों मे से थे आप पीतांबरा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी रहे है l
डॉ शास्त्री के सेंकड़ो शिष्य देश मे आयुर्वेद की सेवाएं दे रहे है MPCCI के अध्यक्ष डॉ प्रवीण अग्रवाल भी उनके शिष्यों मे से एक है I
आज उनकी अंतिम यात्रा चेतकपुरी से सायं 4.30 बजे प्रारम्भ हुई और लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम मे उनके ज्येष्ठ पुत्र डॉ महेन्द्र पांडे ने दी उनके कनिष्ट पुत्र फणीन्द्र पांडे का चार वर्ष आकस्मिक निधन हो गया था उनकी पांच पुत्रीया भी है I
उनकी अंतिम यात्रा मे ऊर्जामंत्री प्रधुमन सिंह तोमर पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह भारत विकास परिषद के डॉ के एस मंगल MPCCI के अध्यक्ष डॉ प्रवीण अग्रवाल सराफा संघ ग्वालियर के सचिव अभिषेक गोयल आनंद मोहन छापरवाल के साथ पीतांबरा पीठ प्रबंधन के साथ कई आचार्य लोग शामिल हुए I
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें