विवाह के लिए केवल 10 शुभ मुहूर्त मई ,जून में नहीं कोई भी मुहूर्त

  

सगाई,विवाह,ग्रह प्रवेश ,मुण्डन आदि संस्कार को शुभ मुहूर्त में करना  आज  भी भारतीय परंपरा में कायम है। चाहे इस के लिए समय का कितना भी इंतजार क्यों न करना पड़े।

इस बार विवाह और  ग्रह प्रवेश  जैसे मंगल कार्यों के लिए  यही होने बाला है। 

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी में बताया कि 12 मार्च को फुलेरा दोज पर विवाह का अबूझ मुहूर्त था अब 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे इस वजह से मीन मल मास एक महीने तक यानी 13 अप्रेल तक रहेगा। इस से विवाह आदि शुभ कार्य नहीं होंगे।

साथ में 17 मार्च से 24 मार्च तक होलाष्टक रहेंगे इस वजह से विराम रहेगा।

वैशाख कृष्ण पंचमी सोमवार  29 अप्रैल को शुक्र तारा पूर्व में अस्त हो जायेगा जो आषाढ़ कृष्ण  अमावस्या शुक्रवार 05 जुलाई को  पश्चिम दिशा में उदय होगा।

जैन ने बताया शुक्र तारा अस्त से तीन दिन पहले से तीन दिनों बाद तक के विवाह आदि शुभ मुहूर्त नहीं होते।

वैशाख कृष्ण चतुर्दशी मंगलवार 07 मई को गुरु तारा पश्चिम दिशा में अस्त होकर ज्येष्ठ कृष्ण  नवमी  शनिवार 01 जून को पूर्व दिशा में उदय होगा।गुरु अस्त से तीन दिन पूर्व उदय के तीन दिन बाद तक भी शुभ कार्य नहीं  होते। 

 ज्योतिष शास्त्र में शुक्र भौतिक सुख साधनों, संंपनता ,और पत्नी से आपसी प्रेम, दाम्पत्य सुखों को देता है अगर अस्त या निर्बल रहते समय विवाह ,किया तो दाम्पत्य जीवन में  सुखों की कमी रहती हैं।

इसी प्रकार गुरु को ज्ञान,शिक्षा,दीक्षा ,सम्मान और पति सुखों का कारक ग्रह कहा गया है इस ग्रह के अस्त ,निर्बल काल में भी विवाह मुहूर्त नहीं होते।

आगे विवाह मुहूर्त 

अप्रैल 18,21,22,23,26

मई और जून में कोई भी नहीं है।

जुलाई 09,11,15

नवंबर में 22

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