पूर्व समिति प्रबंधक ने बनाया अपने बेटे को फर्जी तरीके से तेंदूपत्ता समिति लिधौरा का प्रबंधक

तेंदूपत्ता समिति के सदस्यों ने वन परिक्षेत्र अधिकारी जतारा को शपथ पत्र पर बयान सहित दिया ज्ञापन

 aapkdwar news -अजय अहिरवार 

लिधौरा- तेंदुपत्ता के फर्जी प्रबंधक ने तेंदूपत्ता समिति के अध्यक्ष के साथ मिलकर लाखों रुपये की राशि गवन करने का मामला सामने देखने को मिला है फर्जी प्रबंधक को है रसूखदार और अधिकारियों का सरंक्षण प्राप्त होने से कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी  गरीब तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुध नही ले रहे

 अध्यक्ष और प्रबंधक की मनमानी से इस वर्ष नहीं कर पा रहे तेंदूपत्ता संग्रहण, पलायन को  मजबूर हो रहे है विदित हो कि टीकमगढ़ वनमण्डल अन्तर्गत जिला वनोपज यूनियन नाम से डीएफओ तेंदूपत्ता के मुखिया हैं।

जिनके अन्तर्गत 25 से भी अधिक प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां आती हैं जिनमे से लिधौरा तेंदुपत्ता समिति भी है। जिसका चुनाव सहकारिता विभाग के अधीन रिटर्निंग अधिकारी मधुर मिश्रा की उपस्थिति में 03/11/2022 को कराया गया था जिसका परिणाम उनके द्वारा 07/11/2022 को जारी करके घंसु काछी को अध्यक्ष और गणेश कुमार को उपाध्यक्ष निर्वाचित करते हुए अन्य 09 सदस्यों को संचालक मंडल में निर्वाचित किया गया था इस प्रकार 11 सदस्यों के संचालक मंडल/लिधौरा तेंदुपत्ता समिति का चुनाव 2022 में पूर्ण हुआ था। तभी से संचालक मंडल खासतौर पर तेंदूपत्ता समिति लिधौरा के अध्यक्ष के साथ मिलकर तत्कालीन प्रबंधक रामलाल प्रजापति के द्वारा पीडीएस दुकानों के संचालन के साथ साथ तेंदूपत्ता समिति की शासकीय राशि का गबन किया गया जिसकी शिकायतों के चलते रामलाल को जेल भी जाना पड़ा जिसका केस अभी भी चल रहा है इसी दरम्यान फिर से वर्ष 2023 में रामलाल प्रजापति के द्वारा तेंदूपत्ता समिति की राशि आहरण में अनियमितता की गई जिसकी शिकायत वन विभाग द्वारा की जा रही थी जिसके लिए भी उसको जेल की नौबत आने वाली थी। इसी बीच रामलाल ने घंसु काछी लिधौरा तेंदुपत्ता समिति अध्यक्ष के साथ मिलकर अपने बेटे कमलेश प्रजापति को फर्जीवाड़ा करके प्रबंधक बनवा लिया। जिसकी शिकायत होने पर उसके द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर फर्जी नियुक्ति के संबंध में कोई अपराधिक कार्यवाही नहीं हो इस बात के लिए उच्च न्यायालय जबलपुर से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया।

अब जब वन विभाग और सहकारिता विभाग के द्वारा  उसके स्थगन आदेश को रद्द कराने के लिए जवाबदावा की कार्यवाही करने लगे तो, उनको लगने लगा की निर्वाचित संचालक मंडल जिसमें 11 सदस्य निर्वाचित हुए हैं उनके फर्जी साइन डालकर फर्जी प्रस्ताव और फर्जी नियुक्ति की गई हैं। संचालक मंडल में कुछ सदस्य ऐसे भी हैं जिनको न तो संचालक मंडल में होने की जानकारी और न ही संचालक मंडल किसी भी बैठक के  प्रस्ताव पर साइन किए हैं। मजेदार बात तो यह है कि कमलेश प्रजापति जो रामलाल प्रजापति का लड़का है जिसकी नियुक्ति संचालक मंडल के द्वारा 14/09/2023 की बैठक करके प्रस्ताव पारित किया गया है उसमें से संचालक मंडल के 2 सदस्य फोत(मृत) हैं।

साथ ही अधिकांश सदस्य बाहर खाने कमाने जाते हैं।चुंकि प्रकरण हाइकोर्ट में लंबित है इसलिए वनविभाग और सहकारिता विभाग फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं और कोई भी कार्यवाही करने से बच रहे हैं।

लेकिन ऐसे में आम जनता जो गरीब तेंदूपत्ता संग्राहक है जिनको तेंदूपत्ता तोड़ने/संग्रहण करने और तेंदूपत्ता फड़ चलाने से रामलाल का लड़का नीरज प्रजापति और घंसु काछी का लड़का पवन काछी सरे आम दादागिरी से रोक रहे हैं जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था जिसके लिए वन विभाग ने शासकीय कार्य में बाधा डालने और शासन के काम को रोकने के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी जिस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जिससे ऐसे अपराधियों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। गरीब तेंदूपत्ता संग्राहकों के पेट के लिए भी स्थानीय जनप्रतिनिधि आचार संहिता के चलते मौन बने हुए हैं तो वहीं आज तेंदुपत्ता समिति लिधौरा के चार सदस्यों ने शपथ पत्र पर वन परिक्षेत्र अधिकारी जतारा को शपथ पर लिखकर बयान दिए हैं | शपथ पत्र देने वालों में तुलसीदास अहिरवार निवासी गोटेट, सरजू ढीमर निवासी बछौडा, किशोरी उर्फ किशोरा ढीमर निवासी बछौडा, एवम चेनू ढीमर निवासी बछौडा सभी तेंदूपत्ता समिति लिधौरा के निर्वाचित सदस्य हैं इनमें से कुछ सदस्यों को तो रामलाल और उसके बेटे नीरज प्रजापति द्वारा घर घर जाकर धमकी भी दी जा रही है कि कोई भी सदस्य उनके विरुद्ध न बोले और न कोई कागज साइन करें। सभी तेंदूपत्ता समिती लिधौरा के सदस्यों का कहना है  की रामलाल ने अपने लड़के को प्रबंधक कब बना लिया इसकी हम लोगों को कोई जानकारी नहीं है                                     *इनका कहना है* - _आज लिधौरा तेंदुपत्ता समिति के कुछ सदस्यों ने मेरे ऑफिस मैं आकर फर्जी प्रबंधक की नियुक्ति के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच के दौरान की अपने अपने शपथ पत्र दिए हैं , जिसमें उन्होंने फर्जी तरीके से प्रबंधक नियुक्ति की बात स्वीकार करते हुए जबरदस्ती कागजों पर हस्ताक्षर कराने और पूरा षड्यंत्र लिधौरा प्रबंधक, उसके लड़के और तेंदूपत्ता अध्यक्ष के द्वारा रचे जाने की बात कही गई है। जिनकी और आगे जांच की जा रही है जो भी जांच उपरांत तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्यवाही के लिए वरिष्ठ को प्रतिवेदन प्रेषण की कार्यवाही की जाएगी_ 

 शिशुपाल अहिरवार वन परिक्षेत्र अधिकारी जतारा

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