प्रकृति पूजा ही वास्तविक गोवर्धन पूजा है : लाड़ली सरकार

 


 रवि कांत दुबे सिटी रिपोर्टर

सिद्धपीठ श्री गंगा दास जी की शाला में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव  के अवसर पर पूरन बैराठी पीठाधीश्वर स्वामी राम सेवक दास जी महाराज के पावन सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा  में कथा व्यास  सुश्री सुधि उपाध्याय लाड़ली सरकार ने कहा कि जहां भगवान श्रीकृष्ण हों वहां किसी तरह की माया ठहर ही नहीं सकती। सुश्री लाड़ली सरकार ने कहा कि मथुरा के राजा कंस ने कृष्ण वध के लिए पूतना को जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उसे भी अपना लोक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि दुष्ट को देखना वर्जित है। उन्होंने कालिया नाग का मर्दन कर यमुना जी को उससे  मुक्त किया  । कथा में प्रभु की बाल लीला, माखन चोरी लीला के माध्यम से समस्त भक्तों को आनंद प्राप्त हुआ। गोवर्धन पूजा की कथा के माध्यम से  प्रकृति पूजा का संदेश दिया।उन्होंने  कहा की हमें प्रकृति की रक्षा करना चाहिए आज हम सब प्रकृति से छेड़छाड़ कर रहे है इसलिए  आज प्रकृति भी विपरीत होती जा रही है इसलिए प्रभु ने गोवर्धन पर्वत की पूजा करा कर  जन मानुस को यह संदेस दिया की हमें प्रकृति की पूजा एवं रक्षा करना चाहिए ओर हर किसी को जीवन में वृक्ष जरूर लगाना चाहिए।   कथा के विश्राम में गोवर्धन की पूजा ओर छप्पन भोग लगाया गया ओर सभी भक्तों ने पूजन किया इस मौके  पर  मुख्य यजमान श्री  राकेश अचल श्रीमती पुष्पा  शर्मा  श्री देवेंद्र उपाध्याय श्रीमती मिनाक्षी उपाध्याय श्रीमती शशि मुदगल  श्री  उध्धव  सिंह  द्वारा आचार्य जी  ने विधि विधान से पूजन कराया गया ।

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