आंवला नवमी पर आंवला का पूजन से सुख वैभव बढ़ता है

आमला नवमी 10 नवंबर रविवार के दिन है कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवला है इसे नवमी है।

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया इस तिथि को अक्षय नवमी, कुष्मांड नवमी  भी कहा जाता है।  सतयुग का प्रारंभ भी इसी दिन हुआ था इस दिन द्रव्य,  वस्त्र आदि दान देने और आंवले की विधि पूर्वक पूजा से अनेक  पापो से छुटकारा मिलता है। इसलिए इस दिन आंवले की   पूजा  विशेष रूप से की जाती है।

प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनकर आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा की ओर उन्मुख होकर षोडशोपचार  पूजन करना या कराना चाहिए फिर आंवले की जड़ में दुग्ध धारा गिराकर चारों ओर कच्चा सूट लपेटे और कपूर की  से आरती करते हुए सात बार आंवले की परिक्रमा करें तत्पश्चात ब्राह्मण ब्राह्मणी को भोजन कराकर यथाशक्ति उन्हें दक्षिणा दे और फिर स्वयं भोजन करें भोजन में आवंला का प्रयोग अवश्य करें ऐसा करने से बहुत सारे पापों से बचा जा सकता है और दुख दरिद्रता दूर होकर सुख वैभव बढ़ता है।

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