सर्दी से जन जीवन अस्त व्यस्त होगा
सूर्य की रोशनी का पैड,पौधे,पशु, पक्षी,मनुष्य आदि सभी पर बहुत असर देखने मिलता है।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि सूर्य अब दक्षिणी गोलार्ध के अंतिम बिंदु की तरफ धीमी गति से बढ़ रहा है।
एक वर्ष में 365 दिनो में एक दिन ऐसा होता है जो सभी 365 दिनो में छोटा होता है अर्थात इस पूरे दिन की समय अवधि अन्य दिनों से कम होती है। ऐसा नहीं कि एक दिन में ही एक दम कम हो जाती हो।
जब से सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन की तरफ गति करता बढ़ता है तभी से धीरे धीरे दिन छोटे हेने लगते है और राते बड़ी।
जैन ने कहा पृथ्वी को भौगोलिक रूप से दो भागों में विभाजित किया गया है एक को उत्तरी गोलार्ध दूसरे को दक्षिणी गोलार्ध कहते है।
यह विभाजन पृथ्वी की मध्य रेखा से है जिसे भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा कहते है इसके उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं।
उत्तरी गोलार्ध के 23.50 डिग्री उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा और 23.50 दक्षिणी गोलार्ध के अक्षांश को मकर रेखा कहते है।
21 दिसंबर को सूर्य दोपहर 14:49 बजे मकर रेखा पर लंबवत होगा और सायन मकर राशि में प्रवेश करेगा। इससे 22 दिसंबर को दिन का मान सबसे छोटा और रात का सबसे बड़ा होगा।
उत्तरी गोलार्ध वाले देश और शहरों में दिन छोटा राते बड़ी होगी जबकि दक्षिणी गोलार्ध वाले देश और शहरों में दिन बड़े रात छोटी होगी।
इसी दिन से शिशिर ऋतु आरम्भ हो जाएगी।
कुछ स्थानों पर दिन 09 घंटे 36 मिनिट तक का रहेगा और रात का मान 14 घंटे 24 मिनिट तक का रहेगा। इस के बाद दिन धीरे धीरे बड़े होते जाएंगे और राते छोटी होती जाएगी।
*22 दिसंबर को कहा कितना छोटा होगा दिन*
दिल्ली में दिन की अवधि 10 घंटे 16 मिनिट रात 13 घंटे 44 मिनट
ग्वालियर में दिन 10 घंटे 27 मिनट रात 13 घंटे 33 मिनट
भोपाल में दिन 10 घंटे 39 मिनिट रात 13 घंटे 21 मिनट
उज्जैन में दिन 10 घंटे 40 मिनिट रात 13 घंटे 20 मिनिट
जयपुर में 10 घंटे 24 मिनिट रात 13 घंटे 36 मिनिट
जैन ने कहा कि सूर्य का शनि और शुक्र ग्रह से त्रिएकादश योग राहु केतु से केंद्र योग मंगल से सडाष्टक योग इस समय रहेगा 22 दिसंबर से 12 फरवरी तक सर्दी ज्यादा पड़ेगी कोहरा,हिमपात, सीत लहर से जन जीवन अस्त व्यस्त रहेगा बर्फ बारी और वर्षा, ओले के योग 22 दिसंबर से 12 फरवरी तक इस बीच बनेंगे।
वहीं ग्रहों के आपसी योग सम्बन्ध दक्षिणी पश्चिमी देशों में आपसी हिंसा बढ़ने की योर इशारा करते हैं।
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