जीवाजी विश्वविद्यालय में जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण
ग्वालियर। सिंधिया परिवार का शिक्षा के लिए हमेशा ही प्रयास रहे हैं। आज का दिन स्मरणीय दिन रहेगा। सिंधिया परिवार का संसद में हमेशा से ही योगदान रहा है। जो भी मंत्रालय माधव को मिला है। उन्होंने उसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किया है।दुनिया हमारी संस्कृति का लोहा मान चुकी है। मैं उस महापुरुष की मूर्ति का अनावरण करूंगा जिन्होंने स्वतंत्र भारत में कीर्तिमान स्थापित किए। आजाद भारत में विकास को गति देते हुए कार्य किया। शिक्षा से ही किसी राष्ट्र में परिवर्तन लाया जा सकता है। शिक्षा से ही व्यक्ति मैं आदर भाव आता है ।शिक्षा से ही मानव का निर्माण होता है। परिवर्तनशील दुनिया है, बदलाव होकर रहेगा।शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किया।तकनीकी में भारत काफी आगे निकल चुका है। संस्था शोध करके नई-नई तकनीकी को लाएंगे ऐसी उम्मीद है।यह बात रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जीवाजी विश्वविद्यालय में जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा के अनावरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।अंत में महामहिम ने इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स के साथ एमओयू का कहा साथ ही जेयू के छात्रों को भारतीय संसद में संवाद के लिए आमंत्रित किया।विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, माननीय मंत्री, संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, भारत सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर,माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष विभाग, मध्य प्रदेश इंदर सिंह परमार, माननीय मंत्री, जल संसाधन एवं प्रभारी मंत्री, ग्वालियर तुलसी सिलावट, राज्यमंत्री राकेश शुक्ला, श्रीमती सुदेश धनखड़ उपस्थित रहे। वहीं अध्यक्षता माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति, मध्य प्रदेश मंगुभाई पटेल ने की। कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी के स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया गया।साथ ही एक पेड़ मां के नाम पर पौधारोपण किया गया। जेयू की उपलब्धियों पर लगी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ज्ञान विज्ञान के समागम के माध्यम से हमारी सरकार ने काफी काम किया है। ऐसे महापुरुष की प्रतिमा का अनावरण किया जाना गौरव की बात है जिन्होंने शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जो शहर संगीत शिक्षा के लिए जाना जाता है, उसमें महामहिम का आगमन हुआ है यह गौरव की बात है। देश के लिए एक आधुनिक योग पीएम द्वारा लाया जा रहा है। एक सुनहरा युग बनने जा रहा है। ज्ञान से ही विनम्रता प्राप्त होती है। विनम्रता से ही पात्रता प्राप्त होती है। आज विश्वविद्यालय 250 एकड़ में स्थापित है जो मेरी दादी मां और डॉ . सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा पूजन किया गया था। जीवाजी विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नक्षत्र की तरह उभरता संस्थान है ।छात्र शिक्षा लेकर शिक्षित के साथ-साथ देश समाज का निर्माण करें।जो बीच बोया गया था वह 60 साल बाद वटवृक्ष की तरह खड़ा हो चुका है।हमारी संस्था आधुनिक युग की ओर अग्रसर है जो संस्थापकों की विचारधारा थी उससे दस कदम आगे संस्था बन चुकी है। सिंधिया परिवार का शिक्षा के प्रति हमेशा समर्पण रहा है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सपन पटेल ने किया।इस मौके पर कार्य परिषद सदस्य,विवि के प्रौफेसर, अधिकारी एवं कर्मचारी सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।
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