टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार
आध्यात्मिक ज्ञान से ही मिटाया जा सकता है मन का अंधकार : पंडित मदन मोहन
टीकमगढ़ :- पलेरा नगर के स्टेट बैंक के पास नगर के प्रतिष्ठित खरया परिवार के द्वारा शुक्रवार से श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ जिसमें 101 महिलाओं ने कलश लेकर इस धार्मिक महोत्सव में भाग लिया। कलश यात्रा में सजी-धजी बगिया घोड़े भी नजर आए। वहीं, बैंड बाजे डीजे के साथ हिंगलाजन मंदिर से कलश यात्रा शुरू हुई जो कथा स्थल पर संपन्न हुई। नाचते गाते श्रद्धालु आैर बच्चों ने बैंड डीजे पर भक्ति के गानों पर झूमते नजर आए। 06 दिसंबर से 13 दिसंबर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है 13 दिसमब तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसका यह प्रथम दिन था। यह भागवत कथा 13 दिसम्बर तक चलेगी श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस की शुरूआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद द्वारका प्रसाद इंजीनियर सचिन ठेकेदार सौरभ ने पूज्य महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। जब तक हम अपनी संस्कृति और सनातन को नहीं समझेंगे तब तक हमारे बच्चे भी हमारी संस्कृति को नहीं समझेंगे। एक विश्वविद्यालय वो है जहां से हम डिग्री लेकर कमाने भगवान से मिलने का मार्ग भी मिल जाता है। जो मनुष्य इस लोक में भागवत कथा का श्रवण करते हैं और जिन मनुष्यों के हृदय में भागवत के प्रति श्रद्धा होती है उनके पितृ सदैव उन पर प्रसत्र रहते हैं। मन के अन्धकार को मिटाने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान होना बहुत जरूरी है। बिना आध्यात्मिक ज्ञान के मन का अन्धकार नहीं मिट चलाने और टीवी देखने में नए कर रहा है। तुमने जीवन में क्या किया, वहीं किया जो सभी करते हैं। खाया, कमाया और सोये। ये काम तो पशु भी करते है। आप में और पशु में ये अंतर है कि आप भगवान का का भजन कर सकते है जबकि पशु भगवान की भक्ति नहीं कर सकते हैं, परोपकार नहीं कर सकते है। आज कल हमारे घर में पवित्रता रही है हम किसी के चोट लग जाने पर पहले उसकी बीडियो बनाते है, उसकी मदद नहीं करते है। जिस प्रकार हम फिल्म देखने के लिए थिएटर जाते हैं उसी प्रकार यदि आप भगवान को देखना चाहते है तो आपको भागवत कथा में जाना पड़ेगा। पंडित मदन मोहन बरुआ ने कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा कि एक बार सनकादिक ऋषि और सूद महाराज विराजमान थे तो उन्होंने ये प्रश्न किया की कलयुग के लोगों का कल्याण कैसे होगा। आप देखिये किसी भी पुराण में किसी और युग के लोगो की चिंता नहीं की पर कलयुग के लोगों के कल्याण की चिंता हर पुराण और वेद में की गई कारण क्या है। क्योंकि कलयुग का प्राणी अपने कल्याण के मार्ग को भूल कर केवल अपने मन की ही करता है जो उसके मन को भाये वह बस वही कार्य करता है और फिर कलयुग के मानव की आयु कम है और शास्त्र ज्यादा है तो फिर एक कल्याण का मार्ग बताया भागवत कथा। श्रीमद भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव ने कहा का कल्याण हो जाता है। व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करो। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भगवत की कथा सुनो। केवल सुनो ही नहीं बल्कि भागवत की मानों भी। सच्चा हिन्दू वही है जो कृष्ण की सुने और उसको माने, गीता की सुनी और उसकी मानों भी, मां बाप, गुरु की सुनों तो उनकी मानो भी। तभी तो आपके कर्म श्रेष्ठ होंगे और जब कर्म श्रेष्ठ होंगे तो आपको संसार की कोई भी वस्तु कभी दुखी नहीं कर पायेगी। जब आप को संसार की किसी बात का फर्क पड़ना बंद हो जायेगा तो निश्चित ही आप वैराग्य की ओर आसर हो जायेगे और तब ईश्वर को पाना सरल हो जायेगा। श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर कपिल देवहुती संवाद, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र का वृतांत सुनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रवासियों में पुष्पा देवी खरया द्वारका प्रसाद खरया कुसुम खरया सीता खरया कुसुम लता राम नारायण खरया उषा विजय कुसुम खरया डॉक्टर भारत पवन आशीष खरया इंजीनियर सचिन खरया डॉक्टर अनिल खरया ठेकेदार सौरभ खरया डॉक्टर गौरव खरया राहुल खरया संतोष खरया उपस्थित रहे I
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